shabd-logo

भाग 12 : मैं अकेला तो बच्चे पैदा नहीं कर सकता हूं न

9 जून 2022

24 बार देखा गया 24
अमोलक जी को लगा कि लाजो जी ताना मार रही हैं कि प्रथम को पांच साल हो गए हैं शादी किए मगर अभी तक कोई बच्चा नहीं लगा रितिका को । लाजो जी को समझाते हुए वे कहने लगे "आजकल बच्चे बहुत समझदार हो गए हैं । वे अपनी मर्जी से बच्चे पैदा करते हैं , भगवान भरोसे नहीं बैठा करते , जैसे हम बैठे रहते थे" । 
"हां, ये बात तो सही कही आपने । वैसे आप सही बात कभी कभी ही कहते हो वरना तो ऊटपटांग ही बकते रहते हो" । 

अमोलक जी ने भृकुटियां टेढी करते हुए लाजो जी को देखा तो लाजो जी सकपका गईं । लाजो जी की एक खासियत और थी कि वे अमोलक जी को चाहे कुछ भी कह लेती थीं मगर उन्हें पता था कि आज जो "स्टेटस" वे एनजॉय कर रही हैं वह अमोलक जी के रुतबे के कारण ही है । इसलिए जब भी कभी अमोलक जी टेढी नजरों से देखते थे तो लाजो जी एक बार तो सिहर जाती थी । तब समर्पण करते हुए वह बोली 
"मेरे कहने का मतलब है कि हमारे जमाने में तो बच्चे भगवान की देन ही समझे जाते थे । इसलिए प्रथम तो शादी के 11 महीने बाद ही पैदा हो गया था । अब देखो , प्रथम को कितने साल हो गये हैं शादी किए मगर बच्चे के बारे में कोई चिन्ता ही नहीं है उन्हें । पता नहीं मैं पोते का मुंह देख भी पाऊंगी या नहीं ? आप कुछ कहते क्यों नहीं उसे ? वो चौधराइन की बहू कितनी समझदार है जो दो साल के बाद ही उसने "खुशखबरी" सुना दी । आप एक बार प्रथम से बात तो कीजिए न । पता तो चले कि उनके इरादे क्या हैं" ? 

अमोलक जी अब थोड़े आश्वस्त हुए कि लाजो अपने दायरे में आ गई थी । बात तो सही थी उसकी कि प्रथम की शादी को पांच साल हो गए थे । उनका मन भी करता था कि वे भी एक नन्हे मुन्ने के साथ खेलें । उसे पीठ पर बैठाकर शाही सवारी करवाएं । पर पता नहीं और कितना इंतजार करना पड़ेगा अभी । पर आज ये लाजो जी इस मुद्दे को लेकर क्यों बैठ गईं ? पहले तो कभी इतनी उद्विग्न नहीं हुई थीं वे ? अच्छा शीला भाभीजी ने जब से समाचार सुनाया है कि उनकी बहू पेट से है तभी से लाजो जी के पेट में पानी पच नहीं रहा है । तो ये है असली कारण पोते पोती की इच्छा का । मगर इसमें गलत तो कुछ भी नहीं है । लाजो जी सही तो कह रही हैं । अब तक "रिजल्ट" क्यों नहीं आया ? क्या कहीं प्रथम या रितिका में कुछ कमी तो नहीं है ? यह प्रश्न कौंधते ही अमोलक जी विचलित हो उठे । अब तो बात करनी ही पड़ेगी प्रथम से । उन्होंने इतना कहकर बात समाप्त कर दी 
"आज बात करते हैं प्रथम से इस विषय में । आप कुछ अनाप-शनाप मत कह देना रितिका को" । 

लाजो जी ने मन ही मन कहा "वे जमाने और थे जब सास "ललिता पंवार" हुआ करती थीं । आजकल तो बहू "ललिता पंवार" बनी हुई हैं । उनमें इतनी हिम्मत कहां जो रितिका को कुछ कह पायें । वो तो बस अमोलक जी पर ही चढ सकती हैं और किसी पर नहीं" । 

अमोलक जी ऑफिस के लिए तैयार हुए और जाने ही वाले थे कि सामने प्रथम दिखाई दे गया ।
"क्या हाल चाल हैं तेरे ? कैसा चल रहा है तेरा वर्क फ्राॅम होम" ? मुस्कुराते हुए अमोलक जी ने पूछा 
"प्राण पीते हैं ये मल्टी वाले भी । जब इन्हें पता है कि हम वर्क फ्राॅम होम कर रहे हैं तो ये इतना काम लाद देते हैं कि रात को ग्यारह बजे तक बैठना पड़ता है । सुबह नौ बजे से शुरु हो जाते हैं स्साले । बस, लंच का एक घंटा देते हैं बीच में । नींद भी पूरी नहीं हो पाती है , पापा" । प्रथम अपना दुखड़ा सुनाने लगा ।
" और रितिका ? क्या उसकी भी ऐसी ही हालत है" ? 
"उसकी तो और बुरी हालत है । उसका बॉस बदल गया है अभी अभी । पिछले बॉस के साथ तो बढिया ट्यूनिंग थी । लेकिन ये तो किसी की सुनता ही नहीं है । लगातार नाइट शिफ्ट दिए जा रहा है बदमाश" । प्रथम गुस्से से बोला 
"तो रितिका इसकी शिकायत क्यों नहीं करती है मैनेजमेंट से ? क्या कोई सुनवाई का सिस्टम नहीं है वहां पर" ? 
"है क्यों नहीं ? कागजों में सब कुछ है । मगर मैनेजमेंट इनकी ही सुनता है कर्मचरी की नहीं । लगाई थी एक शिकायत रितिका ने मगर वह खारिज कर दी उन्होंने" 

अमोलक जी सोचते हुए बोले "तो ऐसा क्यों नहीं करते कि या तो कंपनी बदल लो या फिर काम छोड़ दो" । 
"कंपनी बदलने पर सोच रही है रितिका । काम तो नहीं छोड़ सकती है ना   घर में बैठे बैठे बोर हो जाएगी वह । इसलिए झेल रही है इनको" । 
"एक काम करो , एक पत्र लिख दो मैनेजमेंट को कि वह अब रात की शिफ्ट में और काम नहीं कर सकेगी । रखना हो तो दिन में रख लें नहीं तो जय राम जी की" । 
"अगर कंपनी ने बात नहीं मानी और निकाल दिया तो" ? 

अमोलक जी सोचते हुए बोले "ऐसा रिस्क नहीं लेगी कंपनी । रितिका एक ट्रेंड कर्मचारी है और इस कोरोना काल में एक ट्रेंड कर्मचारी को हटाने का जोखिम कोई कंपनी नहीं ले सकती है । थोड़ी रिस्क जरूर है । क्या पता दबाव काम कर जाये" ? 
"आप ठीक कहते हैं पापा । आज ही एप्लीकेशन मूव करवा देता हूं" । इतना कहकर प्रथम जाने लगा । 
"अरे सुन । एक बात बता , तेरी शादी को कितने साल हो गए हैं" ? 

प्रथम मुस्कुराकर कहने लगा "आज मेरी शादी कैसे याद आ गई पापा ? कोई खास बात है क्या" ? 
"हां, खास ही समझो । मैं तो यह कहना चाह रहा हूं कि अपनी एक बार बात हुई थी तब मैंने कहा था कि हमें तीन साल बाद बच्चा चाहिए ।  अब तो पूरे पांच साल हो गए हैं भई । और कब तक इंतजार करें हम" ? 

अब लाजो जी भी पास में आ गई थीं । वैसे वो थीं तो आसपास ही और इनकी सारी बातें ध्यान से सुन रही थीं मगर अब उनका पसंदीदा टॉपिक आ गया था बातों में तो वे भी उसमें शामिल हो गई  । 

"देख प्रथम, जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है । पता नहीं कब बुलावा आ जाये हमारा भगवान के घर से ? कम से कम एक पोता या पोती का मुंह तो दिखला दे" । लाजो जी धीमी आवाज में बोलीं । 

"अभी कहां बुलावा आ रहा है मम्मी ? अभी तो सौ साल और जीना है आप दोनों को । अभी से ऐसी बातें मत किया करो, हां" । प्रथम ने टालने के उद्देश्य से विषय बदलते हुए कहा 

अब अमोलक जी ने पुन : मोर्चा संभाला "बात को बदलो मत प्रथम । ये बताओ कि तुम लोगों ने कोई प्लानिंग कर रखी है या कोई ..." 

कमरे में एकदम से सन्नाटा सा छा गया । माहौल गंभीर हो गया था । प्रथम खामोश ही रहा । 
"खामोश रहने से काम नहीं चलेगा बरखुरदार । बता कि आखिर बात क्या है ? पहले तो यह बता कि तुम लोग बच्चा चाहते भी हो या नहीं" ? अब सीधे बात करना ही मुनासिब समझा अमोलक जी ने । 
"चाहते क्यों नहीं हैं ? पर रितिका अभी और समय चाहती है" । 
"पांच साल तो हो गए  । और अगर एक मिनट को मान लो कि कल बच्चा लग भी जाये तो कम से कम नं महीने तो और लगेंगे ना उसे पैदा होने मे । और कितना समय लोगे तुम लोग ? बाद में तो बच्चे पैदा करने में भी समस्या आती है " । "आपकी बात सही है पापा , मगर अभी रितिका तैयार नहीं है । अब मैं अकेले तो बच्चे पैदा नहीं कर सकता हूं ना" ? 

अमोलक जी को सारा माजरा समझ में आ गया । तो अब रितिका से बात करनी ही पड़ेगी । ऐसा सोचकर वे ऑफिस निकल गए । 

क्रमश: 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
9.6.22 

18
रचनाएँ
बहू पेट से है
5.0
एक परिवार और आसपास के मौहल्ले में रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाली घटनाओं , बातों और कथाओं से हास्य पनपता है । हास्य कभी भी अकेला नहीं होता है उसके साथ व्यंग्य उसी तरह चिपका होता है जैसे किसी लड़की पर किसी आशिक की दो आंखें चिपकी होती हैं । बात में से बात निकालने की कला में महिलाओं ने महारथ हासिल कर रखी है और,उसी कला का भरपूर प्रयोग कर पाठकों को गुदगुदाने के लिए लेकर आया हूं यह धारावाहिक । उम्मीद है कि आपको पसंद आयेगा । कृपया समीक्षा अवश्य करें । धन्यवाद।
1

भाग 1 : लेडीज क्लब

17 मई 2022
5
2
0

शीला चौधरी का अहाता दोपहर को आबाद होता था । जब लोग लंच के बाद आराम कर रहे होते हैं तब मौहल्ले की "बातूनी" औरतें शीला चौधरी के घर पर इकठ्ठे होकर गपशप करती हैं । दरअसल शीला चौधरी का मकान ठीक टी पॉइंट पर

2

भाग 1 : लेडीज क्लब

18 मई 2022
2
0
0

शीला चौधरी का अहाता दोपहर को आबाद होता था । जब लोग लंच के बाद आराम कर रहे होते हैं तब मौहल्ले की "बातूनी" औरतें शीला चौधरी के घर पर इकठ्ठे होकर गपशप करती हैं । दरअसल शीला चौधरी का मकान ठीक टी पॉइंट पर

3

भाग 2 : कामवाली बाई

18 मई 2022
1
0
0

आज लाजो जी बड़ी परेशान थीं । शीला चौधरी के मकान के सामने ही कोने का मकान है उनका । चौधराइन और लाजो जी में बहुत शानदार पटती थी । यहां तक कि कामवाली बाई भी दोनों की एक ही थी । कामवाली बाई दीपिका पहले चौ

4

भाग 3 : महाभारत

19 मई 2022
1
0
0

लाजो जी की हालत खस्ता कचौरी जैसी हो गई । सारा काम उन्हें ही करना पड़ेगा , यह सोच सोचकर ही उनका दिल बैठा जा रहा था । काम करने की आदत रही नहीं । बस, अब तो सोशल मीडिया पर ही समय गुजरता है लाजो जी क

5

भाग 4 : सिलेंडर

20 मई 2022
1
0
1

अमोलक जी जैसे ही झाड़ू उठाकर बाहर जाने लगे तो लाजो जी ने उन्हें पीछे से पकड़कर खींचा "भगवान ने थोड़ी बहुत भी अक्ल नहीं दी है क्या ? पता नहीं किस मूर्खानंद ने आपको अफसर बना दिया ? गुण तो घास खोदन

6

भाग : 5 : गंभीर समस्या

28 मई 2022
0
0
0

आज शीला चौधरी के अहाते में "लेडीज क्लब" का मेला लग रहा था । कई दिनों के बाद आज लेडीज क्लब सरसब्ज हुआ था । इसलिए सब महिलाओं के चेहरे चमक रहे थे । कुछ तो गपशप करने के कारण और,कुछ मेकअप करने के कारण । कु

7

भाग : 6 : आज नाश्ते में क्या बनाऊं मम्मी

29 मई 2022
0
0
0

"आज नाश्ते में क्या बनाऊं,मम्मी" लाजो जी जैसे नींद से जाग पड़ी । इतनी मीठी आवाज ! उसे विश्वास ही नहीं हुआ कि यह आवाज उसकी बहू रितिका की है । उसने कन्फर्म करने के लिये अपना चेहरा आवाज की ओर घुमाया । सा

8

भाग -7 : ब्रेड पिज्जा और घाट की राबड़ी

30 मई 2022
0
0
0

रितिका ने ब्रेड पिज्जा सर्व किया । प्रथम ने तो बिना चखे ही ब्रेड पिज्जा का बखान करना शुरू कर दिया । यह देखकर लाजो जी से जब रहा नहीं गया तो वे तपाक से बोली "हां, ब्रेड पिज्जा तो आज पहली बार ही बना है न

9

भाग 9 : रानी का महाराजा या हुक्म का गुलाम

5 जून 2022
0
0
0

अमोलक जी कब से इंतजार कर रहे थे कि लाजो फोन पर बात करना बंद करे तो वे "घाट की राबड़ी" का सेवन करें । जब से चौधराइन जी ने घाट की राबड़ी भेजी है तब से उनका मन उसी में अटका हुआ है । इस चक्कर में तो उन्हो

10

भाग 10 : सेमीनार

7 जून 2022
0
0
0

अमोलक जी घाट की राबड़ी का आनंद लेने लगे । उनकी इच्छाओं का भी ध्यान रखने वाला कोई तो इस दुनिया में है यह जानकर उन्हें बहुत खुशी हुई । उनके मन में शीला चौधरी के लिए कितना सम्मान है, कोई उनके हृदय में उत

11

भाग 11 : ईर्ष्या की आग

8 जून 2022
0
0
0

जब से लाजो जी ने सुना था कि चौधराइन की बहू मेघांशी "पेट से है" उनके दिमाग में लावा सा दौड़ने लगा । एक कहावत है न कि "पाड़ौसन खावे दही तो मो पै कब जावा सही" । जब पड़ौसन की बहू जो कि अभी दो साल पहले ही

12

भाग 12 : मैं अकेला तो बच्चे पैदा नहीं कर सकता हूं न

9 जून 2022
1
0
0

अमोलक जी को लगा कि लाजो जी ताना मार रही हैं कि प्रथम को पांच साल हो गए हैं शादी किए मगर अभी तक कोई बच्चा नहीं लगा रितिका को । लाजो जी को समझाते हुए वे कहने लगे "आजकल बच्चे बहुत समझदार हो गए हैं । वे अ

13

भाग 13 : अपने पति के साथ घूमने में क्या आनंद है

10 जून 2022
1
0
0

लाजो जी का मन कहीं लग नहीं रहा था । मन लगता भी कैसे ? जबसे चौधराइन ने "खुशखबरी" सुनाई है तब से लाजो जी की नींद हराम हो गई है । पड़ौस में तो किलकारियां गूजेंगी मगर यहां "ताने" मारे जायेंगे । आजकल जमाना

14

भाग 14 : गृहस्थ आश्रम सबसे कठिन तप है

13 जून 2022
0
0
0

लक्ष्मी जी को अपनी कही हुई बात पर जवाब देते हुए नहीं बना तो यह कहते हुए बचने की कोशिश करने लगीं कि "एक बात बताओ जिज्जी कि पति के साथ घूमने में भी कोई आनंद आता है क्या ? अरे, एक ही सूरत देखते देखते बोर

15

भाग 16 : चलो लेडीज क्लब चलते हैं

16 जून 2022
0
0
0

लक्ष्मी जी को छमिया भाभी के बारे में होने वाली बातों में बड़ा रस आता था । दरअसल छमिया भाभी पर पूरे मौहल्ले के मर्द जान छिड़कते थे । बस यही बात लक्ष्मी जी को हजम नहीं होती थी । इसलिए वो गाहे बगाहे छमिय

16

भाग 16 : लिफाफा संस्कृति

18 जून 2022
1
1
0

"हरि अनंत हरि कथा अनंता" की तरह "लेडीज क्लब" की बातें भी अनंत होती हैं । कभी भी समाप्त नहीं होने वाले आसमान की तरह । इन बातों से पेट कभी भरता नहीं और भूख कभी मिटती नहीं । मगर समय की घड़ी तो टिक टिक चल

17

भाग 17 : प्रहसन

20 जून 2022
0
0
0

आज लाजो जी ने ठान लिया था कि वह प्रथम और रितिका से बच्चे के बारे में बात अवश्य करेगी । अमोलक जी भी घर पर आ गये थे इसलिए उनके कंधे पर बंदूक रखकर दागी जा सकती थी । उन्होंने प्रथम और रितिका को शाम की चाय

18

भाग 18 : ड्रामा

23 जून 2022
0
0
0

लाजो जी को रितिका का यूं उठकर जाना अच्छा नहीं लगा था । प्रथम की शादी को पांच साल हो गये थे मगर अभी तो "मैडम" जी का मन "मस्ती" करने में ही रमा हुआ है । घर गृहस्थी की जिम्मेदारी क्या बुढापे में संभालेगी

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए