मार्केट में कच्ची हल्दी मिलने लग गई है सर्दियों का टाइम आ रहा है। इस समय में कच्ची हल्दी खाना बहुत अच्छा रहता है। हल्दी खून को साफ करती है
गर्म दूध में रोजाना हल्दी पीने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है ।
और इसमें एंटीबायोटिक गुणों के साथ साथ एंटी एलर्जीक और anti-inflammatory गुण भी होते हैं ।
यह रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाती है।
इसके साथ साथ ही यह सब्जियों को कलरफुल बनाती है
कच्ची हल्दी का अचार अच्छा टेस्टी भी लगता है।
और सब्जी टेस्टी भी लगती है। तो आइए मैं आपको हल्दी का अचार बनाने की विधि बताती हूं ।आशा है आप लोग पसंद करेंगे बनाकर खाएंगे।
सामग्री 500 ग्राम कच्चीहल्दी + आंबा हल्दी छीलकर गोल टुकड़ों में गोल गोल पतली पतली कटी हुई। आप छोटी-छोटी क कचूमर जैसी भी काट सकते हैं।
दो चमची राई दाल ,चार नीबू का रस, 10 से 15 एम एल सफेद सिरका, नमक ,मिर्च ,धनिया ,सौंफ पाउडर अचार मसाला, और हींग स्वाद अनुसार ,आधा चम्मच कलौंजी, सरसों का तेल गर्म करके ठंडा करा हुआ 150 ग्राम,
विधि ः1,गोल कटी हुई हल्दी को एक कांच के बॉल में लेकर राई की दाल, नमक ,मिर्च ,धनिया पाउडर सौंफ पाउडर, आधा डाल दें,
2,अब उसमें नींबू का रस व सिरका डालें ,12 से 15 घंटे रहने दे, बीच-बीच में हिलाते रहें,
3,अब सारी हल्दी अचार वाले चम्मच से एक थाली में निकालकर धूप में रख दें, और एक घंटा सूखने दें ।
4,और बाकी बचा हुआ रस बॉल में ही रहने दें।
5,अब उसमें ऊपर लिखा हुआ बचा बाकी मसाला कलौंजी बॉल में बचा हुआ रस , दो चम्मच अचार मसाला मिलावे ,सब मिलाकर तेल डाल दें ।व
6 ,कांच की साफ बोतल में भर लें ।
7,अगर बोतल फ्रिज में रखनी हो तो कम तेल से चल सकता है ।
8बाहर रखे तो थोड़ा ज्यादा तेल डूबता हुआ तेल डालें ।यह अचार बहुत स्वादिष्ट बनता है।
पर साल भर नहीं रहता है
। सावधानियां 1, हल्दी अच्छी ताजी धो पौछ कर काटनी चाहिए।
2,नींबू का रस व सिरके के में डली हुई हल्दी धूप में रखने से पहले थोड़ा चख ले कि खट्टी होकर पच गई हो अगर नहीं तो थोड़ा नींबू और डालें।
और थोड़ी देर और रहने दें।
3आचार सूखे चम्मच से निकाले।
स्वरचित रेसिपी