14 अक्टूबर 2015
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
हार्दिक आभार, आशा "क्षमा" जी एवं वर्तिका जी !
15 अक्टूबर 2015
"बढ़कर जनभाषा से आगे, जग-भाषा बनने वाली है" - बिलकुल सत्य , यह सपना हमें जल्दी से जल्दी पूरा करना हैं . शब्दनगरी के माध्यम से हम और आप सभी इसी दिशा में प्रयासरत हैं. सुन्दर विचार.
14 अक्टूबर 2015