क्या बात है...
आपने कई रोज़ से
कुछ अपडेट नहीं किया है!
क्या कहूँ,
गुज़रते वक़्त ने भी तो,
कब से.....................
मुझे डेट नहीं किया है.
लम्हे लेकर जाते थे मुझको,
शाम-सवेरे,
हंसी-ख़ुशी की दावत पर.
झट से हाँ कर देते थे,
मेरी खट्टी-मीठी
चाहत पर ।
गए थे लम्हे इतना कहकर,
रुको ज़रा बस आते हैं,
यही अदा है इनकी क़ातिल,
पर ये बड़ा सताते हैं ।
लौट के आएँगे,
अब जब भी...
फिर आऊंगा उनके संग,
पूछूंगा कुछ याद है उनको,
पिछली बार कब डेट किया था...?