सूरज,
चाँद-सितारे
सकल राशियाँ
नक्षत्र-नीहारिकाएं;
सब चले जा रहे अपनी गति से,
और यूं ही चलते अपनी मति से ।
कुछ अच्छा करने की इच्छा है,
तो यह समय बड़ा ही अच्छा है ।
सुन्दर-सुरम्य-स्वर्णिम अवसर,
आते-जाते रहते नित बदल वेश
शुभ मुहूर्त तो हर क्षण अशेष;
फिर क्यों न करें हम श्रीगणेश !