वीणा-वादिनी विद्या-वर दो,
वीणा-वादिनी विद्या-वर दो,
तिमिर ह्रदय का दूर करो माँ;
जीवन-पथ तुम जगमग कर दो,
वीणा-वादिनी विद्या-वर दो..........
तेरे उपवन की हम कलियाँ
फूल बनाकर हमको खिला दो,
हम हैं नन्हें-नन्हें दीपक
ज्ञान ज्योति माँ इनमें जगा दो,
तिमिर ह्रदय का दूर करो माँ,
जीवन-पथ तुम जगमग कर दो
वीणा-वादिनी विद्या-वर दो........
रंग-बिरंगे बादल हैं, हमें,
इन्द्रधनुष में परिणित कर दो,
सुर-लय-ताल में रस भर दो माँ,
सात सुरों में जीवन रंग दो,
तिमिर ह्रदय का दूर करो माँ,
जीवन-पथ तुम जगमग कर दो,
वीणा-वादिनी विद्या-वर दो..........
दुष्कर-दुर्गम जीवन-पथ है
सहज-सरल तुम पग-पग कर दो,
जीवन-मग न हो डगमग वो,
शक्ति हमारे मन में भर दो,
तिमिर ह्रदय का दूर करो माँ,
जीवन-पथ तुम जगमग कर दो,
वीणा वादिनी विद्या-वर दो........
-ओम प्रकाश शर्मा