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विचारणीय प्रश्न

18 जून 2022

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18 जून 2022
 शनिवार
समय 8:30 प्रातः



मेरी प्यारी सहेली,
                    सुबह-सुबह बेटी को लेकर पतिदेव एग्जाम दिलवाने लेकर गए हैं तो सोचा आज समय की व्यस्तता थोड़ी कम है क्यों ना तुमसे थोड़ी बातें ही कर ली जाए।
                                             आज छोटी-छोटी बातों पर आगजनी की घटनाएं जब तक देखने को मिल जाती है। सिर्फ और सिर्फ स्वार्थ की राजनीति ही चल रही है। जो भी सत्ताधारी पार्टी होगी उसे अपना स्वार्थ सिद्ध करना है। बाकी भाड़ में जाए जनता उन्हें इन सब से कोई लेना-देना नहीं। सत्ता में आए हैं तो जितना हो सके उतना अपना पेट भर ले बाकी की बातें बाद में देखी जाएगी। इसमें चाहे नूपुर शर्मा का बयान हो या कानपुर की घटना या तत्काल में चल रही सरकार की अग्निपथ की नीति।
                                         आज का युवा यदि तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर चुका है तो एक बार के लिए उसे नौकरी मिल सकती है पर पढ़े लिखे डिग्री धारी युवा वर्ग के लिए नौकरी की राह बेहद मुश्किल दर मुश्किल होती जा रही है। एक तो घर वालों का प्रेशर ऊपर से नौकरी का ना मिलना एक युवा के लिए बेहद कठिन समय जैसा गुजरता है।
                                                      दिन प्रतिदिन समय अत्यधिक कठिन होता जा रहा है खासकर युवा पीढ़ी के लिए। जहां एक और हंड्रेड परसेंट पाना भी असंभव नहीं है। वही कॉलेजों में एडमिशन के लिए मारपीट लगी हुई है। सभी के हंड्रेड परसेंट है किसे एडमिशन दिया जाए और किसे नहीं। इस तरह के यक्ष प्रश्न सभी के सामने उपस्थित हो रहे हैं। सरकारी नौकरियां मिल नहीं रही और नए सिरे से व्यापार करने के लिए हाथ फसाने में युवा पीढ़ी डरती है। डर का एक कारण नया व्यापार आरंभ करने में एक मुश्त राशि भी तो लगती है।
                  फिर मिलने की आस में।
                                            

पुस्तक प्रकाशित करें
कविता रावत

कविता रावत

आज जिस तरह की घटनाएं देश में घटित हो रही है वे विचारणीय ही नहीं चिंतनीय भी है। इनके पीछे राजनीति तो है ही साथ में देश की कुछ विघटनकारी शक्तियों का भी हाथ है। यह बेरोजगारी के नाम पर आगजनी करना उन युवाओं का काम नहीं हो सकता जो वास्तव में देश के प्रति सम्मान की भावना रखते हैं यह तो उनकी आड़ में राह से भटके हुए विकृत मानसिकता के कुछ लोगों का काम ही हो सकता है।

18 जून 2022

Papiya

Papiya

28 जून 2022

सही है कई लोगों का उद्देश्य ही देश को क्षति पहुंचाना है। उसके लिए वे येन केन प्रकारेन प्रयत्न करते हैं।

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