5 जून 2022
रविवार
समय 10:45 रात
मेरी प्यारी सहेली,
गर्मी से बचने के लिए आज जहां लगभग हर घर में एसी पाए जाते हैं। एसी नहीं तो कूलर तो देखे ही जाते हैं।
एक समय ऐसा भी था जब एसी कूलर नहीं हुआ करते थे। उस समय घरों को ठंडा रखने के लिए घर बनाते समय घरों की छतों पर उल्टे मटके रखे जाते थे। चूने से दिवाली के समय कमरों में रंग रोगन किया जाता था। आजकल प्लास्टिक पेंट के चलते घर गर्म हो जाते हैं शायद।
मम्मी बतातीं है कि जिस समय कूलर और एसी नहीं हुआ करते थे उस समय मेरे मायके में घर को ठंडा रखने के लिए खिड़की और दरवाजे को बंद कर मोटे मोटे गीले पर्दे टांग दिया करते थे।
हमारे पिताजी दरवाजे और खिड़कियों को बंद कर फर्श पर पानी का छिड़काव करते थे। कहते थे पानी का छिड़काव कमरे को ठंडा रखेगा। मम्मी के बताने पर वे भी मोटे कपड़े से खिड़कियों और दरवाजों को ढक देते थे, साथ ही कपड़ों को गीला भी कर दिया करते थे।
आजकल तरबूज और खरबूजा इस गर्मी के मौसम में खूब बिक रहा है। इस समय आम भी आ गए हैं लेकिन वे खट्टे मीठे हैं। मीठे आमों की बिक्री अभी आरंभ नहीं हुई। वैसे भी आम तो फलों का राजा है। ऐसा कौन होगा जिसे आम नहीं पसंद?
बचपन में पिता जी आम की टोकरी खरीद कर लाते थे। कहते जो अच्छे से पढ़ाई करेगा रात को खाते वक्त उसे उतने आम मिलेंगे, जितना वह चाहता है। हम भी जी जान से पढ़ाई में जुटे हुए रहते। आम खाने का लोभ हम पर आमादा रहता।
कल मिलने की बात कहते हुए अभी के लिए विदाई लेती हूॅं।
शुभ रात्रि