2 जून 2022
गुरुवार
समय 11:10 रात
मेरी प्यारी सखी,
इस दुनिया में कितने ही लोग हैं जो गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। समय आने पर अपना असली चेहरा दिखाने से बाज नहीं आते।
दो अलग-अलग चेहरे लिए दुनिया में घूमते रहते हैं। एक चेहरा दूसरों के सामने अपने आप को मासूम सा, अच्छा प्रदर्शित करने में, वही दूसरा चेहरा सिर्फ और सिर्फ स्वार्थ सिद्धि का जो सिर्फ अपना और अपने लिए ही सोचता है।
ऐसे लोग किसी के भी कठिन समय में काम ही नहीं आते। सिर्फ अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते हैं। जरूरत के समय पीठ दिखा देते हैं।
वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दूसरों द्वारा उनकी कठिन परिस्थितियों में की गई सहायता को ही भुला बैठते हैं।
कितने ऐसे लोग हैं जो लोगों से उधार ले लेते हैं लेकिन देते समय, वापस करने में छुपते छुपाते घूमते हैं। ताकि उन्हें रुपया वापस ना करना पड़े।
कई बार समाज में धूर्त लोगों के चलते असल जरूरतमंदों का पता ही नहीं चल पाता।
अनायास ही साधु वेश में, घरों के सामने भीख मांगते हुए कितने ही लोग दिखाई पड़ जाते हैं। कई बार तो बैलों को सजा धजा कर, पोशाक पहनाकर और भगवान की फोटो लगाकर भगवान के नाम पर भीख मांगने आते हैं। वे कहते हैं कि इन्हें भिक्षा देने से भगवान की प्रसन्नता के लोग, भागी बन सकते हैं।
हर वार के देवता के रूप में फोटो हाथ में, ले भीख मांगते हुए कई बार रेलवे स्टेशनों पर तो, कई बार बस स्टैंड पर साथ ही सड़कों पर भी भीख मांगना इनका रोज का पेशा हो गया है।
एक बार तो शनिवार के दिन तेल मांगने आया साधु वेश धारी दुकान में जाकर वही तेल बेचने लगा। अब किस तरह किसी पर भी विश्वास किया जाए।
शुभ रात्रि