इक मुलाकात...
मिलकर गले तुझसे, तुझको बताएंगे,
दिल के हालात आंखो से बयां हो जायेंगे
रूठी धड़कने रफ्तार पकड़ लेंगी तब,
एहसास सारे आंखो से छलक जायेंगे...
तेरे कांधे पर टिकाए रखूंगी सिर अपना कई लम्हों तक,
इक उम्र की खलिश को फिर मिटाएंगे,
कसकर बाहों में अपनी तुझको,
दिल की बेताब धड़कने सुनाएंगे...
नमी आंखो की सारी दरकिनार करके,
किस्से पल पल के फिर दोहराएंगे,
तुम अपने हाथों से समेट देना चेहरे पर बिखरी ज़ुल्फ मेरी,
हया के साथ फिर ये हाथ मेरे चेहरे को छुपाएंगे,
सिमट आएगा सारा प्यार इन आंखों में तब,
पलक झपकते ही कुछ आंसू पलकों पर लुढ़क जायेंगे,
फिजाओं में घुला होगा एक सुरूर जैसे,
मानो बेरंग सी इस जिंदगी के फिर से सारे रंग लौट आएंगे...!