व्याकुल अति कोरोना ने कहर डहाया हुई प्रचण्ड लाल फिजायें,
पर मिल न सकी ऑक्सीजन और यहाँ अति जली चितायें ।1
जलाने बड़ी देखो होड़ लगी, प्रतिक्षारत में बैठे करके तैयारी।
एक ओर जला-जला पूत रे, दूसरी ओर जली-जली महतारी। 2
-सर्वेश कुमार मारुत
28 अप्रैल 2021
व्याकुल अति कोरोना ने कहर डहाया हुई प्रचण्ड लाल फिजायें,
पर मिल न सकी ऑक्सीजन और यहाँ अति जली चितायें ।1
जलाने बड़ी देखो होड़ लगी, प्रतिक्षारत में बैठे करके तैयारी।
एक ओर जला-जला पूत रे, दूसरी ओर जली-जली महतारी। 2
-सर्वेश कुमार मारुत
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सर्वेश कुमार मारुत
उपनाम- मारुत
(कवि ,शायर व कहानीकार)
जन्मतिथि-15/07/1988
माता- श्रीमती माया देवी
पिता- श्री रामेश्वर दयाल
पता- राजीव नगर गुलाब बाड़ी नवादा शेखान
पोस्ट- श्यामगंज बरेली (उ० प्र ०)
पिन 243005
शिक्षा- बी० ए०, बी० एड०, एम० ए०( अर्थशास्त्र)
कवि व शायर
रचनाएँ- मैं पानी की बूँद हूँ छोटी, प्यारी कोयल, नारी, बादल काले, अब काँटा बन चुका शरीर आदि