मेरी प्यारी सखी,
परीक्षा केंद्र पर छेड़छाड़ को लेकर झगड़े जैसी वारदात निंदनीय है। न जाने क्यों लोग बुद्धि का प्रयोग का कार्य नहीं करते।
जैन समाज द्वारा 50 साल बाद आयोजित किए जा रहे मुनि सुब्रत नाथ जिनालय में पंच कल्याण महोत्सव के दूसरे दिन भगवान आदिनाथ के जन्म कल्याणक व पांडुक शिला अभिषेक की क्रिया की गई।
भगवान का जन्म होते ही सभी श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। इस दौरान कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। गजरथ महोत्सव के दौरान लाल बाजार पूरी तरह से जाम रहा। आने जाने की बेहद परेशानी हो रही थी। हाथी घोड़ों को सजा कर उन पर सवारियां निकाली गई।
गर्मी की प्रचंड़ता के चलते घर में, बाहर से आते ही थकावट की स्थिति बनी रहती है। आंखों में बिना बात ही नींद का शुमार छाया हुआ रहता है।
बच्चों को दस्त और एसिडिटी की शिकायतें होने लगी है। पता है खुले में बिक रहे खीरे, टमाटर मन को बड़े प्रलोभित करने आते हैं। घर में चाहे कितनी ही साफ सफाई से खीरे, टमाटर काटकर प्लेट में सजाया जाए, पर ठेले वालों के खीरे देख कर मुंह में पानी आ ही जाता है।
आज तो बादल मुंह दिखाकर मन में आशा की लहर जगाने के बाद अंगूठा दिखा कर चले गए। बादल देखकर सोच रही थी कि बारिश होगी, तो पेड़ों में पानी भी नहीं डाला। काम में लग गई। बाद में देखा कि बादल तो मुंह चढ़ा कर जा चुके हैं।
शादी ब्याह का माहौल गर्म हो चुका है। इस दौरान एक शादी कार्ड इतना सुंदर आया था। क्या बताऊं कार्ड बहुत प्यारा था। कोई और उस कार्ड को ना ले ले इस डर से मैंने उसे छुपा दिया। पर पतिदेव के कहने पर कि वह शादी का कार्ड दिखाओ। देखना है, दांतो तले जीभ काटने लगी। क्योंकि कार्ड छुपाने के बाद मैं तो भूल ही गई थी फिर दिमाग पर जोर डालकर उस कार्ड को निकाला। सच बहुत सुंदर था कार्ड।
तापमान की तरह ही पेट्रोल के भी दाम चुके हैं। वही फल सब्जियां भी बड़े ही स्टाइल में कहती हैं कि अब हमारे भी दाम बढ़े हुए हैं, हम भी स्पेशल हैं।
अभी के लिए इतना ही, फिर मिलती हूं।
पापिया