मेरी प्यारी सखी,
पता है आज सुबह उठने के साथ ही मोबाइल पर 50% नेट के खत्म हो जाने का संदेश आया। बस उठी ही थी दिमाग खराब।
सुबह की चाय मिले ना मिले, तो एक बार के लिए चलेगा पर नेट खत्म तो ऐसा लगता है मानो दिल सोचने पर मजबूर हो जाता है कि पूरा दिन कैसा चलेगा? नेट ना हुआ मानो घर का कोई जरुरी सामान हो।
एक समय था जब नेट का डाटा खरीदना पड़ता था जो कि बड़ा महंगा होता था। पर आज तो जीओ वालो की कृपा से कुछ महीने मिले फ्री डांटा की वजह सी भारतीयों में नेट की आदत हो गई है कि कुछ ना पूछो।
उस समय जियो फ्री नेट की वजह से लगभग सभी नेJio sim खरीद लिए थे। 3 महीने फ्री देने के बाद घोषणा की गई अब नेट खरीदना पड़ेगा। लेकिन फिर जनवरी में पुनः फ्री की घोषणा की गई। अब लोगों में दनदना दन जियो सिम ही खरीद ली।
जिससे छोटी मोबाइल का स्थान android मोबाइल या टच स्क्रीन मोबाइल में ले लिया। कुछ महीने फ्री डांटा देने के बाद Jio ने कुछ शुल्क पर डाटा देना आरंभ किया। जो दूसरे सिम कार्ड की अपेक्षा बहुत मामूली रहा।
कुछ महीनों बाद उसने भी बढ़ोतरी कर दी गई। जब देखा लगभग 5 में से 3 के पास जियो की ही सिम है तो यह मूल्यों में बढ़ोतरी और अधिक कर दी गई।
वैसे भी भारत में लोग फ्री के पीछे दौड़ते हैं चाहे वह खेल हो, सेल हो या कोई गलत प्रलोभन।
शादियों के मौसम में तो सड़कों पर चलना दुश्वार ही हो जाता है। बराती रास्ते पर ही गाना नाचना शुरू कर देते हैं। आने जाने वालों को बहुत ही परेशानी होने लगती है।
आज दही की लस्सी बनाई बिटिया से कहा कि सबको बराबर बराबर देना। बेटा आया है उसे दे दे। उसने पहला वाक्य नहीं सुना। इसलिए पूरा लस्सी का लोटा बेटे को दे दी।
आजकल बच्चे पूरी बात सुनना ही नहीं चाहते। आधी बात सुनी और लग गए काम पर।
परीक्षाओं का दौर शुरू हो गया है। इस शादी के मौसम में परीक्षाओं का होना बहुत परेशानी का कारण बन जाता है।
चलो आइसक्रीम ब्रीक आ चुकी है। मैं तो खाने जा रही हूं।ना ना तुम नहीं, तुम खाओगी तो गीली हो जाओगी। कल आशा करती हूं फिर मिलना होगा।