19 अप्रैल 2022
मंगलवार
समय-11:00(रात)
मेरी प्यारी सखी,
आज बहुत दिनों बाद तुमसे मिलने आई हूॅं, क्या करूं लू की वजह से दस्त आरंभ हो गए थे और फिर बुखार। तबीयत ठीक ही नहीं थी, रविवार को तो उठ ही ना सकी। सुबह से ही बिस्तर पर पड़ी थी।
शादी में जाना था, वहां भी नहीं जा पाई। यह तो अच्छा हुआ कि सुबह-सुबह आंटी को शादी के सालगिरह की वजह से मुबारकबाद दे दी। वरना तो रात को ही देनी पड़ती या शायद ना दे पाती और देती भी तो मेरी आवाज सुनकर वह पहचान ही लेती कि मेरी तबीयत खराब है।
तुम सुनाओ कैसी हो?
गर्मी के मारे पानी पीकर भी मन को तसल्ली नहीं मिल रही लग रहा है मानो मटका गले से बंधी रहे। आज दूध चढ़ा कर रखा और दूसरे कामों में लग गई। बस दूध का पूछो ही मत। 2 किलो दूध का पाव बचा था।
कल मलाई निकाली थी लगे हाथ बेसन के लड्डू भी बना डाले। बच्चों ने कहा- मम्मी तबीयत जरा सी सुधरी कि तुरंत बच्ची बन गई आप तो!
कल खरबूजे का शरबत बनाया था सबके लिए। सबने पिया आज सुबह पतिदेव बोले खरबूजा लाया था कांटा नहीं?
जब बताया कि आपने कल शरबत पिया था ना खरबूजे का, तो बोले मुझे पसंद नहीं पर पीते समय तो बड़े रस ले ले कर पी रहे थे।
वाह भाई वाह, अब क्या कहें उनसे?
आजकल बच्चे किताबों से कम, नेट से ज्यादा पढ़ते हैं समय में बहुत बदलाव आ गया है। हर बात व्हाट्सएप स्टेटस पर डाल दी जाती है।
चाय की चुस्की के साथ शुरू होने वाली सर्दियों की सुबह इन गर्मियों के दिनों में खासी याद आती हैं। वैसे भी मैं तो चाय की इतनी शौकीन नहीं हूॅं। पतिदेव और बच्चे काफी शौकीन हैं। चाय तो उन्हें दिन में चाहे कितनी भी बार पिला दो।
चाय हाय राम! चाय का नशा!
वैसे यह तो मेरी बहन को भी काफी पसंद है। अरे चाय रे बाबा।
वह हंसती हुई कहती है तुझे चाय पसंद नहीं है जीजा जी को बेहद पसंद है। इधर मुझे पसंद है और तेरे बहनोई को बिल्कुल भी नहीं। कैसे बेमेल जोड़ा बना है।
वाह भाई वाह!
फिर मिलने की आस में अभी अपनी बातों का पिटारा यहीं समाप्त करती हूॅं।