29 अप्रैल 2022
शुक्रवार
समय 11: 22
मेरी प्यारी सखी,
फिर आज बहुत दिनों बाद तुम्हारे पास आने का मौका मिला। कई बार स्थितियां परिस्थितियां कुछ ऐसी ही विषम हो जाती है कि चाहते हुए भी बात हो ही नहीं पाती।
सबसे पहले तुम्हें अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
आज तुमसे एक खास बात शेयर करनी थी आज हमारी शादी की सालगिरह है। सुबह से ही बधाइयों का तांता सा लग गया।
बेटी ने हीं सारी व्यवस्थाएं की, खाना वगैरह भी आज उसने ही बनाया। बच्चों का प्यार तो हमेशा ही बहुत अनमोल होता है।
पतिदेव तो तारीफ करते करते नहीं थक रहे थे। कह रहें थे खाना बहुत ही स्वादिष्ट बना है।
कई बार जब पानी का अपव्यय देखती हूं तो मन में बहुत क्रोध आता है। कई लोग पानी के अतिरिक्त खर्च करने को अपनी शान समझते हैं। वे ये नहीं समझते की इस प्रकार का अपव्यय हमें भविष्य में अनेकों प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ेगा।
हमारी आगे आने वाली पीढ़ी को अनेकों कष्ट उठाने पड़ेंगे। लेकिन नहीं, बिना आंगन को पानी से धोएं, गेट के बाहर मिट्टी में पानी का बिना छिड़काव किए जैसे मन ही नहीं मानता। समझाने जाओ तो समझने की अपेक्षा, समझाने वाले को ही उपदेश देने को तैयार दिखाई देते हैं क्या बोले ऐसे लोगों को?
विद्यालय में आज अलग-अलग प्रांतों के अलग-अलग भेष में बच्चों द्वारा नृत्य का आयोजन किया गया। एक लड़की महाराष्ट्रीयन ड्रेस में बहुत ही सुंदर लग रही थी। हमारी भारतीय संस्कृति हमारे देश की सभ्यता बरकरार रहे। नई आने वाली पीढ़ी में हमारी संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना बरकरार रहे।
इसी आशा के साथ।
शुभ रात्रि 🙏🏼