16 अप्रैल 2022
शनिवार
समय 11:20 (रात)
मेरी प्यारी सखी,
चारों ओर जय हनुमान ज्ञान गुण सागर की आवाजें गूंज रही है। आज हनुमान जयंती है। सर्वप्रथम हनुमान जी के चरणो में वंदना।
भारतवर्ष की यह परंपरा रही है कि सबसे पहले भगवान की आराधना की जाती है।
हमारे घर में सुबह 5:00 बजे से पहले ही हनुमान जयंती के अवसर पर पूजा हो जाया करती थी। तब जब सास जवान थी। रात को ही हनुमान जी को साज सज्जा पहना दी जाती थी। भोग के लिए लगने वाले चने साफ करवा लिए जाते थे। सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा की जाती थी। पर अब तो सास बूढ़ी हो चुकी है।
सुबह-सुबह मुझ पर ही बातों की बौछार हो गई। बच्चों को जगा नहीं पाती? तुम्हें तो पता है सूरज निकलने से पहले ही हनुमान जी की पूजा हो जाती है पतिदेव कहे जा रहे थे। कई बार चुप्पी की चादर ओढ़ लेना भी फलदाई होता है।
हमारे यहां बाजार हनुमान जयंती के अवसर पर सज चुकी हैं। हनुमान मंदिर को बड़े ही भव्य तरीके से सजाया गया है। रात के समय जुलूस निकलेगा। मोटे हनुमान जी से शुरू होकर परिक्रमा बहुत बड़े क्षेत्र में होगी। जुलूस में भाग लेने वाले लोगों के लिए रास्ते भर ठंडाई या प्रसादी की व्यवस्था की गई है।
घर में मनी प्लांट का पौधा धूप में रह जाने से जल गया है। अभी तुरंत छाया में रख दिया पता नहीं दोबारा वह हरा भरा हो पाएगा या नहीं। सूरज की सीधी रोशनी छत पर पड़ती है। कितने ही गुलाब के पौधे खरीदे थे पर धूप के कारण सारे के सारे मर गए। तब से कभी भी गुलाब के पौधे नहीं खरीदती।
जय बजरंगबली 🙏🏼🙏🏼🙏🏼