मेरी प्यारी सखी,
घर में मेहमानों की उपस्थिति के चलते तुमसे मुलाकात नहीं हो पाई। इस बात की टीस थी, पर क्या करती?
गर्मी की वजह से जगह-जगह पानी पिलाने के लिए प्याऊ की व्यवस्था की जा रही है। पशु-पक्षी भी छांव की तलाश में देखे जा रहे हैं।
कई बार लोग इतने शातिर होते हैं कि पता ही नहीं चलता। लोग बड़ी ही चालाकी से अपना काम निकाल लेते हैं, पता ही नहीं चलने देते।
गर्मी के चलते बेटी को दस्त की शिकायत हो गई है। गर्मी से बचने के लिए मुंह पर बिना मार्क्स लगाएं घर से निकला नहीं जा पा रहा।
आज की चर्चा का विषय था "अज्ञात व्यक्ति"
कई बार इस वाक्ये को याद कर मन में आज भी डर का वातावरण पैदा हो जाता है। घटना उस समय की है जब हम सिर्फ 6th में पढ़ते थे।
उस समय कहा जाने लगा था कि कोई भी अजनबी व्यक्ति, अज्ञात व्यक्ति अगर टॉफी, चॉकलेट दे तो नहीं ले लेना है।
अगर कहे कि पिताजी की तबीयत खराब है तो भी उसके साथ नहीं जाना है। हम लोगों को खासकर घर से इस प्रकार की हिदायतें दे दी गई थी।
वही कुछ दिनों बाद पता चला कि हमारी ही क्लास का एक लड़का जिसे एक अजनबी व्यक्ति ने भगवान के लड्डू खिलाएं और उन लड्डू को खाते ही हमारा वह साथी श्याम सुंदर बेहोश हो गया।
बेहोशी की हालत में उसे अपने साथ वह अज्ञात व्यक्ति ले जाने लगा। हमारे साथी को होश उस समय आया जब स्टेशन पर वह आदमी उतर कर चाय पी रहा था।
जब श्याम सुंदर ने देखा कि वह एक अज्ञात ट्रेन में है तो कुछ-कुछ माजरा उसे समझ में आया। वह उस अज्ञात व्यक्ति की नजरों को बचाते हुए स्टेशन पर तैनात पुलिस अंकल के पास गया और उसे सारा माजरा समझाया।
पुलिस ने कहा तुम चिंता मत करो। हम अभी उस व्यक्ति को पकड़ते हैं, कहकर ज्यों ही उस व्यक्ति को पकड़ने के लिए दौड़ा वह व्यक्ति वहां से नौ दो ग्यारह हो गया।
लेकिन सबसे अच्छी बात यह रही कि श्याम सुंदर उस अज्ञात व्यक्ति के चंगुल से निकल गया। पुलिस ने श्याम सुंदर की मदद की। उसे कुछ पैसे दिए और ट्रेन में बिठाया। कहा तुम इस ट्रेन से जयपुर पहुंचों और जयपुर स्टेशन पर उतर कर ऑटो पकड़ कर सीधा घर जाना।
आगे से हमेशा ध्यान रखना कोई भी अनजान व्यक्ति कुछ भी दे कुछ भी कहे सावधान रहो उनकी दी गई वस्तुओं को बिल्कुल भी ना लो।
साथ ही अपने सभी साथियों को इस बात की सलाह अवश्य देना। कहते हुए उस पुलिस अंकल ने श्याम सुंदर की बहुत मदद की।
आज के लिए इतना ही 🙏🏼