**एक उम्मीद**हर रोज एक दर्द साथ सोता है कोई। हर सुबह एक नई उम्मीद के साथ उठता है कोई। दिन के उजाले में लगता है हर गम कहीं खो जाएगा। बस ये सोचकर कितने अरमानों से अपने घर के अरमानों को सं
द्वितीय शक्ति ब्रह्मचारिणीनवदुर्गाओं में दूसरी दुर्गा का नाम ब्रह्मचारिणी है। इनकी पूजा-अर्चना नवरात्र की द्वितीया तिथि के दौरान की जाती है। ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय और भव्य है। मा
"मैं गौरैया" मैं छोटी सी गौरैया साहित्य के उद्यान की इत उत उड़ती,दाना चुगती मंत्रमुग्ध ईश विधान की
"तेरी मेरी यारी "यूँ जिंदगी की राह में रिश्ते मिले हैं मुझे बहुत सारी। पर उनमें जो सबसे प्यारा और खूबसूरत है वो है तेरी मेरी यारी।। मेरे हर पल के साथी हो तुम तेरे साथ सारी बातें साझा क
"बाल मजदूरी"पड़ी मार गरीबी की ऐसी तिनका-तिनका बिखर गया,चंद पैसों के खातिर बच्चों का मासूम जीवन न जाने कहाँ खो गया॥ जिन कन्धों पे बैग उठाऐ स्कूल की ओर बढ़ना था,अपने सपनों को पुरा करने के खात
"सावरकर जी" जिसने भारत मां की सेवा की जी भरकर नाम था उसका विनायक दामोदर सावरकर अठारह सौ सत्तावन में हुआ था प्रथम स्वतंत्रता संग्राम लिखने पर,हो गया अंग्रेज सरकार का आराम हराम दस साल की कालेपा
हम याद आएंगे पहले प्यार के चुंबन की तरह सावन और जेठ के धूप की तहर... मबुआ और नशा की तरह नशा और मौसम में झरी की तरह मौसम और चौखट की तरह पहले प्यार के चुंबन की तरह,,पहलेप्यार के चुंब
" संतुष्टि "अगर पानी है जीवन में संतुष्टि कुछ ख़ास किया जाए। ख़ुद के लिए तो हमेशा कुछ न कुछ करते है हम। आज किसी रोते हुए चेहरे पेमुसकान लाया जाए।। कितने लोग लगे रहते है यहाँ बस रोटी की
आज की नारी हूं मैंनारी हूं !आज की खुले आसमान में उड़ना चाहती हूं मैं । बांध अपनी जिम्मेदारियों का जूड़ा अपने सपनों को पूरा करना चाहती हूं मैं ।। अबअपनी जुल्मों का शिकार नहीं बना सकता कोई मुझ
*अभी बहुत कुछ करना बाकी है*जिंदगी तुमसे अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।मन के दहलीज पे कुछ सपने छुट गए है जो, उसे पुरा करना बाकी है। सुख दुख के आती जाती yलहरों के बीच फिर से तैर कर उस पार जाना बाकी है
*कविता *मन के उलझते धागे जब अल्फाज बनकर उतरते हैं कागज पे तब बन जाती है कविता। आँखों में डूबते उभरते जज्बात को बयां कर जाती है कविता। भागती -दौड़ती जिंदगी में एक खूबसूरत विराम लगा देती
क्या टूटे हुए रिश्ते… दर्द देते है दर्द तो दर्द है वो तो दिल का सुख चैन तक छीन लेते है । क्या टूटे हुए रिश्ते .. जीवन में याद आते है याद तो बहुत आते है ओर दिल को तड़पाते है । क्या टूटे हुए रि
हम याद आएंगे... हम याद आएंगे पहले प्यार के चुंबन की तरह सावन और जेठ के धूप की तहर... महुआ और नशा की तरह नशा और मौसम में झरी की तरह मौसम और चौखट की तरह पहले प्यार के चुंबन की तरह,
हम सभी जानते है की जल हमारे दैनिक जीवन के सभी कार्यों के लिए उपयोग में आने वाला संसाधन है । जिसके बिना हम एक दिन भी जीवित नहीं रह सकते, क्योंकि जल हमें पीने से लेकर खाना बनाने ,कपड़ा धोने , बर्तन साफ
प्यारी सखी, कैसी हो।आज मन खुश भी है और उदास भी।अब पहले खुशी की बात बताती हूं आज सुबह जब फोन उठाया तो वहटस अप खोलते ही हमे शैलेश जी का शब्द समूह पर एक संदेश देखा ।कल दो बार इंगित करव
सोचा नही था तक़दीर यहाँ लाएगी मंज़िल पर आकर ही जान चली जाएगी, ब्लैक - एक कलर सिर्फ़ नही है ,ब्लैक है एक अताह सागर ब्लैक है एक गहरा अंधेरा जनम क्या होता है? एक ख़ुशी एक उल्लास होता है जनम लेना
"आँखें"डूबती- उतरती भावनाओं का शैलाब है ये आँखें। संसार की खूबसूरती को दिखाती बड़ी लाजबाव है ये आँखें।। सागर - सी अनंत गहराई को खुद में समेटे। कभी गम तो कभी खुशी की भावनाओं की सौग
*अगर चल सको तोअंत तक चलना*अंत वो जो अंतहीन हो। अंत वो जो विस्तार हो।अंत वो सागर सा गहरा हो। अंत वो जो दिव्य प्रकाश हो। अंत वो जो सूरज की पहली किरण हो। अंत वो साम का ढलता सूरज हो।अं
**मेरी बहन**जीवन की कड़ी धूप में ठंडी फुहार -सी है ये बहनें। बहुत खुशकिस्मत हूं मैं कि मेरे पास है बहुत समझदार और प्यारी प्यारी दो बहनें।। खोलती हूं जब यादों के झुरमुट को वो पल बहुत या
हैलो कैसी हो सखी। मै अच्छी हूं चैत्र नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं। मां शेर सवार हो कर आपके घर पधारे और सब मनोकामनाएं पूर्ण कर दे। मुझे याद है जब मै छोटी थी तो हर छमाही के न