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जीवन परिचय

hindi articles, stories and books related to Jivan parichay


नमस्कार सखी।कैसी हो।आज बहुत दिनों बाद तुम से मुलाकात हुई है।अब क्या करें शब्द टीम ने तुमसे मुलाकात के अवसर पंद्रह ही कर दिये है ।अब ये तो हमारे ऊपर है हम चाहे धक्के से मिलने आ जाएं।और हां हिन्दू नववर्

रिश्तों में वक़्त दीजिए बड़े बड़े तोहफ़े नहीं, ताजमहल दुनिया ने देखा है, मुमताज़ ने नहीं। ~ अज्ञात

भाषा हमारे विचारों की पोशाक है.....

कुछ अच्छी सोच वाले लोगो को मेरी सोच अच्छी - खुली और विकासात्मक लगती है वर्ना ज्यादातर लोगो को तो मैं और मेरी सोच दोनों हमेशा ही और हर तरह से  चुभती रहती है.....

सीधे-सच्चे, मेहनती-ईमानदार इन्सान के साथ किया गया छल-प्रपंच जिन्दगी की शतरंज के माहिर धूर्त से धूर्त खिलाडी की बर्बादी और संपूर्ण विनाश के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े दरवाजे को हमेशा के लिये खोल देता ह

आजकल कोई अगर आपकी तरफ एक कदम किसी भी रिश्ते या काम में बढ़ाये तो आपको उसकी तरफ दो कदम बढ़ाने चाहिए, और अगर कोई आपकी तरफ से एक कदम किसी भी रिश्ते या काम में पीछे हटाये तो आपको उसकी तरफ से दस कदम पीछे हट

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रसायन विज्ञान में किसी विलयन की सांद्रता (concentration) उस विलयन के इकाई आयतन में उपस्थित पदार्थ की मात्रा के रूप में परिभाषित किया गया है। किन्तु रसायन विज्ञान में सांन्द्रता की चार अलग-अलग परिभाभाष

इस कदर यूं तेरा ,मेरी यादों में है डेरा ,कि आजकल चाहकर ,मेरा मुझमें भी ना बसेरा  ।।जो अनमोल था रिश्ता मेरा ,तू मोलभाव कर चला गया , हर एहसास को मेरे , मतलब कहकर चला गया ।। न होती थी

मेरे दिल की हर ख्वाईश,मेरे सपनों की फरमाईश,रुठे लफ्जों की बंदगी, कविता है मेरी जिंदगी!                           आती है मेरे

हैलो,        कैसी हो सखी।आज के दिन का बेसब्री से इंतजार था अब पूछोगी नही क्यों? भई आज के दिन हमारे लाडले छोटे बेटे का परीक्षा परिणाम घोषित होना था।सच मे उससे ज्यादा मै एक्साइटेड थी

नींद भी क्या चीज है ?    कितना सुखद, आभास दे जाती है ।सचमुच, गमगीन लोगों को, इक विश्राम दे जाती है ।  कितना दुख संलिप्त हो, सांत्वना मिलती नहीं ।नींद के आगोश में,कोई, चिंता तो रहती नहीं

#क्या_सचमुच_आत्मा_होती_है?Spiritual Stories in Hindiआध्यात्मिक हिंदी कहानी प्रातः काल का समय था। गुरुकुल में हर दिन की भांति गुरूजी अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहे थे। आज का विषय था- “आत्मा”आत्मा क

एक लेखक से बड़ा, खोजी होता है कौन। विचारों का मंथन करता, बाहर से दिखता वह मौन। विचारों को जगाता है, शब्दों को सजाता है। एक-एक लाइन को जोड़कर, रचना वह बनाता है। दिमाग को कुरेद कर, यादों को सहेज कर।

ना साथ है कोई ना पास है कोईना हम किसी के है ना हमारा है कोई ll

#बादल_और_राजा – दो घोड़ों की कहानीHindi Story on Overcoming Obstaclesचुनौतियों पर काबू पाने की सीख देती प्रेरणादायक कहानीबादल अरबी नस्ल का एक शानदार घोड़ा था। वह अभी 1 साल का ही था और रोज अपने पिता – “र

सारा जहां आसपास का मेरे, हो जायेगा एक दिन नश्वर,यादों में ही रह जायेगा पाया था कभी मैनें जमीं पे ईश्वर,उम्मीदें भी कितनी जिंदगी से रह जायेगी हर पल बाकी,थोडा अपना, थोडा पराया क्या मिल पायेगा कोई साकी!च

वंदेमातरम् सखी।      *ऐ वतन ऐ वतन हम को तेरी कसम तेरी राहों मे जां तक लूटा जाएगे*मेरा रंग दे बसंती चोला ।माए रंग दे बसंती चोला।आज तुम सोच रही होगी कि ये मेरी मोनिका सखी को क्या हो

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है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधरऔर हम तैयार है सीना लिये अपना इधरखून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में हैसरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार सेसर जो उठ जाते

            कठिनतम और जटिलतम परिस्थितियों में भी धैर्य बना रहे इसी का नाम सज्जनता है। केवल फूल माला पहनने पर अभिवादन कर देना ही सज्जनों का का लक्षण नहीं। यह तो कोई साधारण

इंसान भी ना जाने क्यूं चूहे बिल्ली से हो गये,कौन किसीके साथ उलझे किस्से मशहूर हो गये,बेमतलब ही लगाते है यहां अपनों पे इल्जाम,देख लडका लडकी को साथ करते है बदनाम!यकिन तो सिर्फ कसम की अमानत बनकर रहा,किया

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