हर तरफ धुआँ धुआँ,
कैसे दृष्टि लगाओगे।
नींद में चल रहे हैं,
इसका पता कैसे लगाओगे।
हर हाथ में खंजर,
सीने में कवच लगाओगे।
अभी शक्ति है तुममें,
अभी खुद को जगाओगे।
अँधेरा पहचान लेना जल्दी,
तभी युवा कहलाओगे।
कुछ लोग अभी जीने दो कहते हैं,
कब तक अपने को सहलाओगे।
अभी जोश है तुममे ओ राही,
सही समय पर खपत कर जाओगे।
जवानी में संघर्ष व सादगी,
बुढापे में आनन्दमग्न हो जाओगे।
save tree🌲save earth🌏&save life💖