वफा करने वाले कहाँ मिलते हैं।
जो भी मिलते हैं बेवफा मिलते हैं।।
जब बादल पानी बरसाता है।
तब चमन में फूल खिलते हैं।।
भँवरे की दोस्ती माली से कहाँ।
फूलो की सिंहासन पर पलते हैं।।
उनको ही जीने का हुनर आता है।
जो जीवन की भट्टी में गलते हैं।।
ऐ खुदा तेरी मेरी दोस्ती सलामत रहे।
जलने दे दुनिया वाले जो जलते हैं।।
बहुत हो चुका प्रकृति से खिलवाड़।
पानी भी एक सीमा पर खौलते है।।
मेरी दोस्ती तू याद रखना ए दोस्त।
मेरी साँस में तेरा ही साँस चलते है।।
save tree🌲save earth🌏&save life💖