दोहे
वादा पर वादा अब हो गए ज्यादा।
कहाँ कहाँ आरक्षण दे क्या है इरादा।।
पहले बहुत सताया था लो अब भुगत।
मंदिर मस्जिद ठुकराया था कैसा लगा जुगत।।
उसी का नतीजा कहर बरस रहा है।
जनरल पानी को तरस रहा है।।
ओबीसी को हल्का फुल्का मिल रहा है।
कुएँ का दुत्कार फल फूल रहा है।।
एस सी एस टी को आरक्षण दो।
अपने हिस्से का दाना पानी राशन दो।।
वर्ग और उपवर्ग करेंगे समस्या का हल।
ढूँढेंगे कृमिलेयर आज नही तो कल।।
save tree🌲save earth🌏&save life💖