हे शहीद तुम कहाँ हो
इस जमीन के खातिर
तुमने लहु बहाया
हे शहीद वो जमीं
और तुम कहाँ हो।
तुम शरीरी हो
तो तुम्हारी अवस्था कैसी
अशरीरी हो तो देख लो
तुमने जो गोली चलायी थी
वे लोग किस लोक के थे
अब उनका क्या हुआ
और तुम्हें क्या हुआ।।
किसके इशारे पर काम किया
जिसके इशारे पर काम किया
क्या वो भौतिक से परे थे
तुम उसके जमीं में
और वो तुम्हारे जमीं में
चल लेते क्या हो जाता।।।
कोई टुकड़ा नही पूर्ण है
कोई सरहद नही
कोई झगड़ा नही
कोई झंझट नही
बस "हम" लोग है।।।।
save tree🌲save earth🌍&save life❤