shabd-logo

हाय रे हाय रे हाय बजट

23 जुलाई 2024

7 बार देखा गया 7


article-image

हाय रे हाय रे हाय बजट
दुनिया में बढ़ गया कपट
कितनी महंगाई बढ़ गई
कैसे खरीदे समान
उसमें ये एम आर पी मार गई
पेट्रोल डीजल ने उडाई नींद
सारा पैसा लील गई गट गट
हाय रे हाय रे हाय बजट-------


मध्यम वर्ग की तकलीफ
कम में बेचो ज्यादा में खरीदो
न कर में राहत न चंदा में
कितना बढ़ गया इनका खपत
हाय रे हाय रे हाय बजट-------

नया सड़क भी उखड़ गई
नया भवन का हुआ बुरा हाल
पहली सावन में छत टपक गई
लग गया नेताओं की चपत
हाय रे हाय रे हाय बजट---------

परीक्षा में धांधली बढ़ी
होशियार ने की खूब मेहनत
पर नही हो सका सलेक्शन
नक्कालो ने लिखा खटाखट खटाखट
हाय रे हाय रे हाय बजट--------

save tree🌲save earth🌏&save life💖

27
रचनाएँ
मधुकोश
5.0
जिस प्रकार से मधुमक्खियाँ फूलो का रस चूसकर मधुकोश का निर्माण करती है उसी प्रकार जीवन के विभिन्न पहलुओं के रस का निचोड़ इस काव्य-संग्रह में है। हम जो है वही हम प्रक्षेपण करते है उसी का रंग संसार में भरते है। हमारा होना हमारी आन्तरिक परिणाम का कारण है इस तहखाने की सफाई होनी चाहिए।
1

हम हिन्द हिन्दी हमारी जान

13 सितम्बर 2023
4
1
1

समाहित जिसमे संसार और भारत की शान हम हिन्द हिन्दी हमारी जान। बड़ी मीठी प्यारी हमारी भाषा कितने सितारे जन्मे महान हम हिन्द हिन्दी हमारी जान । सभी कलाओ का पहचान कराती भारत की राष्

2

हाय रे हाय हाय हिन्दी

14 सितम्बर 2023
3
2
2

मस्तक मध्य चमकती गर्व से हमारा मान रखती भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी। दुनिया में इतिहास रचा हिन्दी हाय रे हाय हाय हिन्दी,जैसे हो माथे की बिन्दी। मेरे भावो की अभियक्ति माँ की तरह पोषण करती

3

बेटी

24 सितम्बर 2023
3
1
1

कदम से कदम मिलाती बेटियां । सबका साथ निभाती बेटियां । माँ का हाथ बटाती बेटियां। छोटे को नहलाती बेटियां। संग संग शाला जाती बेटियां। टीचर जी को भाती बेटियां। शिक्षा दीप जलाती बेटियां। कुल रोश

4

"तुम,तुम हो मै,मै हूँ "

22 अक्टूबर 2023
0
0
0

तुम, तुम हो मै,मै हूँ । हम दोनो एक दूसरे पर हावी हो नही सकते तुमसे अच्छा कर नही सकता मुझसे अच्छा हो नही सकता तुम्हारी कोई कापी नही और न मेरी कोई कापी है तुम,तुम हो मै,मै हूँ । दोनो वि

5

असम्भव से संभव तक का सफर आसान न था

23 अक्टूबर 2023
1
1
1

असम्भव से सम्भव तक का सफर आसान न था । प्रजा की रक्षा और अपने ही लोगो से लड़ना, रंक से राजा तक का सफ़र आसान न था ।  असम्भव---------------------------------------। भूखा रहकर कठिन परिश्रम किए,

6

दर्पण

1 दिसम्बर 2023
1
1
1

किसकी कमी जो मै लिखूंगा कौन सी गाठ पड़ गया जो कलम की स्याही बनकर उतर रहा है । अपूर्णता का भाव या अतीत का दमन जो नासूर बनकर उभरता तराजू सन्तुलन में नही किसी एक तरफ झुका रहता था बाजार में

7

हम भारत के वासी है,हिन्दी रच वासी है

7 जनवरी 2024
1
1
0

हम भारत के वासी है,हिन्दी रच वासी है । राम कृष्ण की जन्मभूमि ब्रज के वासी है ।। कितने तपोभूमि मिलते जैसे मथुरा काशी है । हम सब है इन्सान पर अलग अलग राशि है।। मधुर रचना करते हिन्दी में वो भी प्

8

मकर संक्रांति

13 जनवरी 2024
0
0
0

मकर संक्रांति का दिन सूर्य के उत्तरायण का देश के भागो में उत्सव विभिन्न खानदान का। कहीं बिहू,कहीं पोंगल,कहीं खिचड़ी,कहीं सक्रांति हिंदू धर्म में सूर्य देव की पुजा विधान का। मांगलिक कार्यों

9

राम

21 जनवरी 2024
0
0
0

राम नाम बड़ा प्यारा अपना राज दुलारा खोज में जो निकले पाने को अमृत कुंड रास्ते बड़े कठिन पर संकल्प दृढ़ अटल प्यासो का प्यास बुझाता प्राणो से प्यारा राम नाम बड़ा प्यारा अपना राज दुलारा। एक दशरथ

10

ओ देश के नौजवान

30 जनवरी 2024
0
0
0

ओ देश के नौजवान जागो जागो तुम कहाँ हो, किससे तुम्हे लड़ना है, और किसलिए लड़ना है, कौन सी सीमा अपनी, कौन सी सीमा दुश्मन की, जागो देश के पहलवान। ओ देश के नौजवान। माना दो नगर के बीच, खीची

11

शहीद

20 मार्च 2024
0
0
0

हे शहीद तुम कहाँ हो इस जमीन के खातिर तुमने लहु बहाया हे शहीद वो जमीं और तुम कहाँ हो। तुम शरीरी हो तो तुम्हारी अवस्था कैसी अशरीरी हो तो देख लो तुमने जो गोली चलायी थी वे लोग किस लोक के

12

होली

25 मार्च 2024
0
0
0

होली रंग एक ना था जीवन के। होली ने रंगे सबके तन मन चोल के।। कितना उत्सव और उल्लास भरा। थिरकते पाँव गीत मीठे बोल के ।। बौराई आम मदहोश का संदेश देते। मानवता में मीठे रस घोल के।। ऐसा प्र

13

माँ तेरा यह अर्पण

12 मई 2024
0
0
0

माँ तेरा यह अर्पण, मेरा जीवन कर गया तर्पण। जन्म से पहले पोषण दिया चुकाया हर सम्भव हर दाम धैर्य भाव से काम किया सम्हाला हर पल हर क्षण माँ तेरा यह अर्पण , मेरा जीवन कर गया तर्पण। जन्म

14

मनखे मनखे एक समान

14 मई 2024
0
0
0

मनखे मनखे एक समान करीया गोरा के का भेद छोकरा अउ डोकरा के का भेद सबो ला दे हे मति समान मनखे मनखे एक समान। जात पात तो अलग हे त एमे घबराए के का बात सबे के माटी तो एक हे जो पोषण करके बचा

15

जन्म मिला है क्या करेंगे

14 मई 2024
0
0
0

जन्म मिला है क्या करेंगे इस संसार में सदा नही रहेंगे। किन राह पर चलना है पहले ये तय करना है कैसे भी हो काँटे हम श्वास श्वास हो जायेंगे जन्म मिला है क्या करेंगे। इस संसार में सदा नही रह

16

ए रे बैजन्ती क्या तुम्हारे घर है सेवन्ती

14 मई 2024
0
0
0

ए रे बैजन्ती क्या तुम्हारे घर है सेवंती । अभी खिले हो नव रस लिए हो हो जाओ अभी समर्पित कर जाओ भक्ति अर्पित ए रे बैजन्ती क्या तुम्हारे घर है सेवंती ।1। प्रफुल्लित हवा मदहोश खुशबू है मनभावन

17

अपने सपने

21 जुलाई 2024
0
0
0

सच होते सपने आँखो के नीचे नींद की गहराइयों में बुन रहे सपने सपने किसके किसके जो मान लिए अपने सबके सपने कब होंगे पूरे जो मान लिए अपने अपने सपने अपने जो साथ लिए दूसरो के सपने ना जाने उन

18

गुरु कौन

21 जुलाई 2024
4
0
0

गुरु कौन ? माँ जिसने दुध पिलाया पिता जिसने गोद में उठाया क्या क्या मिला जो गुरु कहलाए  गुरु कौन? जिसने पढ़ाया लिखाया नैतिक शिक्षा दिया हाथ डिग्री भी थमाया किस काम आया गुरु कौन? मु

19

हाय रे हाय रे हाय बजट

23 जुलाई 2024
1
0
0

हाय रे हाय रे हाय बजट दुनिया में बढ़ गया कपट कितनी महंगाई बढ़ गई कैसे खरीदे समान उसमें ये एम आर पी मार गई पेट्रोल डीजल ने उडाई नींद सारा पैसा लील गई गट गट हाय रे हाय रे हाय बजट-------

20

सरहद

26 जुलाई 2024
0
0
0

वो दिन याद है जानी जब सरहद पर चले जाते हम अपने घर से बहुत दूर होते गर्म मरुस्थल में तो कभी ठंडी बर्फ में रहना होता तूफानी हवा,तेज धूप सहना होता। लंबी यात्रा में माँ के हाथ का बना पराटा और

21

आरक्षण

2 अगस्त 2024
3
0
0

दोहे वादा पर वादा अब हो गए ज्यादा। कहाँ कहाँ आरक्षण दे क्या है इरादा।। पहले बहुत सताया था लो अब भुगत। मंदिर मस्जिद ठुकराया था कैसा लगा जुगत।। उसी का नतीजा कहर बरस रहा है। जनरल पानी को

22

"मेरी साँस में तेरा ही साँस चलते है"

4 अगस्त 2024
0
0
0

वफा करने वाले कहाँ मिलते हैं। जो भी मिलते हैं बेवफा मिलते हैं।। जब बादल पानी बरसाता है। तब चमन में फूल खिलते हैं।। भँवरे की दोस्ती माली से कहाँ। फूलो की सिंहासन पर पलते हैं।। उनको ही ज

23

इंसानियत

8 अगस्त 2024
1
0
0

समझ से चल ए राहगीर एक तेरा ही हक नहीं सभी का यही पर है मुकाम दुसरे का क्यो छीनना जब तुम्हारे लिए दिया है। वो समझ गहरा विकसित कर कोई जीव तुम्हारा भोजन बने क्या तुम भी किसी का भोजन हो

24

युवा

13 अगस्त 2024
3
1
1

हर तरफ धुआँ धुआँ, कैसे दृष्टि लगाओगे। नींद में चल रहे हैं, इसका पता कैसे लगाओगे। हर हाथ में खंजर, सीने में कवच लगाओगे। अभी शक्ति है तुममें, अभी खुद को जगाओगे। अँधेरा पहचान लेना जल्दी, तभ

25

आया है त्योहार रक्षाबंधन का

18 अगस्त 2024
3
1
2

भाई बहनो में प्यार उमड़ आया छोटी सी डोरी भी जग काम आया अटूट रिश्ता त्योहार रक्षाबंधन का। आया है त्योहार रक्षाबंधन का। कितनी भी दूरी रहे बहन अब तक नही भुला भाई की कलाई पर राखी बाँधना प्यार

26

दो जाति

24 अगस्त 2024
2
1
1

हमने अनेक जातिया बनाई हर राज्य में अलग अलग जाति धर्म को मानने वाले लोग अलग अलग कोई हिन्दू कोई मुस्लिम कोई सिख कोई इसाई फिर हर धर्म की अलग जातिया है उन जातियो की उपजातियां भी है फिर गोत

27

"वो जलता रहा"

5 सितम्बर 2024
3
1
1

वो जलता रहा वो जलता रहा जहाँ जहाँ गया वो जलता रहा कई आए दाग लगाने वाले न उस पर कोई दाग लगा पग पग वो चलता रहा वो जलता रहा वो जलता रहा। एक कारवां चल पड़ा था जब छट गए बादल नभ से हाथ मशाल

---

किताब पढ़िए