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ज्ञान का गुरुकुल  - 3 आज सुबह सुबह मेरे मित्र हंसमुख लाल जी किसी नौजवान के साथ आये और कहने लगे : भाईसाहब , अपने " ज्ञान के गुरुकुल" की ख्याति दूर दूर तक फैल चुकी है । बड़ी संख्या में लोग इसम

ज्ञान का गुरुकुल  - 2 हमारे घुटन्ना मित्र हंसमुख लाल जी ने हमें एक ज्ञान का गुरुकुल खोलने का सुझाव दिया था । मैं माथापच्ची कर रहा था कि उस गुरुकुल का नाम क्या रखूं ? हंसमुख लाल जी ने कहा " ह

लाइफलाइन कहावत है "बिन गृहणी घर भूतों का डेरा" । इस पर आज सुबह सुबह बहस हो गई । श्रीमती जी बोलीं "अगर मैं नहीं रहूं तो यह घर भूतों का डेरा बन जाएगा । आपने कभी मेरी वैल्यू नहीं समझी मगर आपको पता च

कोरोना पास हमारे मौहल्ले में घसीटा राम जी रहते हैं ‌। जलदाय विभाग में हैंडपंप मिस्त्री हैं । आजकल हैंडपंप तो रहे नहीं । हैंडपंप रहे नहीं का मतलब यह नहीं है कि जो पहले के हैंडपंप लगे हुए थे उनको क

ब्रेड एण्ड बटर आज सुबह जब मैं पार्क में घूमने के लिए जा रहा था तो अचानक किसी के रोने की आवाज सुनकर ठिठक गया । जनानी आवाज लग रही थी । मुझे आश्चर्य हुआ कि सुबह सुबह कौन रो रही है ? क्या समस्या आन पड़ी

सास , जेठानी और छोटी बहू मैं आज सुबह सुबह अपने मोबाइल में आने वाले मैसेज देख रहा था कि अचानक मेरी नज़र एक मैसेज पर पड़ी । यह मैसेज तो कुछ जाना पहचाना सा लगा । तुरंत ध्यान आया कि यह तो मेरा ही एक

आज मैं अवकाश पर था । मैं यूं ही अवकाश पर नहीं रहता पर गोवर्धन जी की परिक्रमा करने के बाद पैर चलने से बिल्कुल मना कर देते हैं । इसलिए अवकाश लेकर गोवर्धन परिक्रमा की थकान उतार रहा था । दिन भर आराम किया

कंजूस मल एक गांव में एक सेठ रहता था । नाम था धनीराम । कंजूस इतना कि चाहे चमड़ी चली जाए मगर दमड़ी ना जाए । इसलिए लोगों ने उसका नाम कंजूस मल रख दिया था । एक दिन सेठानी ने कहा कि आपने लोभ लालच

कोरेन्टाइन यानि एकांत वास एक दिन मैं ऑफिस में काम कर रहा था कि मेरे साथ काम करने वाले एक साथी सुनील का फोन आया " मैं कोरोना पोजिटिव निकला हूं "  यह सुनकर मैं धक्क से रह गया । धक्का इस बात का नही

बड़े साहब आज सुबह-सुबह "बड़े साहब" मिल गए । वो भी पार्क में टहलने आते हैं और हम भी । बस, वहीं मुलाकात हो गई । खुशी के मारे उनके चेहरे से नूर टपक रहा था । दो दिन पहले जब मिले थे तो उनका चेहरा एक पके ह

कामवाली बाई  आज बॉस के साथ मेरी कहा सुनी हो गयी थी । इस कहा सुनी में कहते तो बॉस ही हैं मैं तो बस सुनता हूँ । बस, बीच बीच में मुस्कुरा भर देता हूँ । इस मुस्कान से बॉस इतना चिढ़ जाते हैं कि वे दां

बंद दरवाजे दिलों की तरह होते हैं दरवाजे । कुछ खुले तो कुछ बंद । जैसे साफ दिल और घाघ दिल । वैसे ही खुले दरवाजे और बंद दरवाजे । जो लोग स्पष्टवादी , निर्मल हृदय और सरल होते हैं वे खुले दरवाजे की तरह

भाग 17 रामखिलावन के चालाकी से उसके मौसा जी की लाइफ बदल गई थी एक ही दिन में उनकी इतनी खातिरदारी हो चुकी थी , की वह बम बम हो गए थे ,वह तो रंखिलावन के बड़के वाले फैन हो गए थे ,*"!!दूसरे दिन सुबह सुब

गजब की लड़ाई हो रही थी । पूरा मजमा लग रहा था । दुनिया भर की भीड़ इकठ्ठी हो गई थी । सब लोग तमाशा देख रहे थे । इस देश के लोग इतने "फ्री" हैं कि अगर किसी मकान पर बुलडोजर चलने लगे तो वे शुरु से आखिर तक दे

दुनिया में अगर कोई रिश्ता सबसे प्यारा है तो वह है दोस्ती का रिश्ता । यह एक ऐसा रिश्ता है जिसका वर्णन करना बहुत कठिन है । दिल की बात बिना कुछ कहे जान लेने वाला व्यक्ति एक सच्चा दोस्त कहलाता है । आंखों

आज गोधूलि और बेला फिर से लड़ पड़ीं । वैसे उन दोनों में लड़ाई होना नित्य कर्म के जैसा है । बल्कि यह कह सकते हैं कि यह उनका अनवरत क्रम है । ऐसी कौन सी बात है जिस पर लड़ाई नहीं होती है उनमें । घर में सब्जी क

रिशा लंच करके अपना पसंदीदा सीरियल "तू तू मैं मैं" देखने बैठी ही थी कि उसकी पड़ोसन रिद्धिमा आ गई । दोनों औरतें पड़ोसन होने के साथ साथ अच्छी सहेलियां भी हैं । दोनों में पटती भी खूब है । बुराई भलाई करने

एक दिन हुस्न और इश्क में गजब ठन गई  उस दिन की वो मुलाकात आखिरी बन गई  हुस्न तो अपने सौंदर्य के नशे में मगरूर था  आवेश में दोनों अभिमानी भृकुटियां तन गई  इश्क समंदर देखता  रहा

आज सुबह जगा तो देखा कि आसमान पर काली काली घटाएं छा रहीं हैं । रिमझिम रिमझिम फुहारें पड़ रहीं हैं । हवा भी बड़ी तेज चल रही है । रह रहकर बिजली कड़क रही है । पेड़ पौधे सब मौसम की सुर-ताल के साथ लय बद्ध त

आज सुबह जगा तो देखा कि आसमान पर काली काली घटाएं छा रहीं हैं । रिमझिम रिमझिम फुहारें पड़ रहीं हैं । हवा भी बड़ी तेज चल रही है । रह रहकर बिजली कड़क रही है । पेड़ पौधे सब मौसम की सुर-ताल के साथ लय बद्ध त

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