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अमन आज जल्दी जल्दी बस स्टॉप की ओर जा रहा था । वह आज फिर से लेट था । अब तो उसकी फितरत सी हो गई थी लेट ऑफिस जाना और बॉस से डांट खाना । उसे दिल्ली में लाजपत नगर से गुड़गांव जाना होता था । वह पहले मेट्रो

तेरी याद की बदली जब छाती है  रिमझिम सावन साथ ले आती है  भीगने लगता है तपता हुआ मन  ये बेजान जिंदगी थम सी जाती है  वो बीते हुए पल तैरते हैं आंखों में  जलन सी महसूस होती है सांस

गीत : सुनो प्रिये तुम्हारी उन आंखों से डर लगता है सुनो प्रिये तुम्हारी उन आंखों से डर लगता है खामोश जुबां  बेजान  बांहों से डर  लगता है जब  तुम  झाड़ू  लगाकर  पोंछा

भाग 33 रामखिलावन अपने कमरे में लेटा है ,वह सभी लड़कियों के बारे में सोच रहा है ,उसे तो सभी अच्छी लग रही थी , पर उसे सभी ही सुंदर और अच्छी लग रही थी , उसके हिसाब से तो उसका नसीब ही अच्छा है जो  वह

भाग 32 रामखिलावन को समझ में नही आता है की प्रियंका इतनी चिढ़ क्यों रही है ,उसका सुलभ मन इस त्रिया जलन को समझने में असफल था , वह तो अपनी ही मस्ती में खोया था , आज उसे इस बात की खुशी थी की श्रद्धा ने स

भाग 31रामखिलावन घर से तो प्रिया का ही टी शर्ट पहन कर ही निकला था ,वह हरीश से डिस्कस करके तुरंत निकलता है ,प्रियंका भी उसके साथ चिपक लेती है ,जबकि वह उसे नही ले जाना चाहता था ,!?प्रियंका कहती है ,*" मे

भाग 31रामखिलावन घर से तो प्रिया का ही टी शर्ट पहन कर ही निकला था ,वह हरीश से डिस्कस करके तुरंत निकलता है ,प्रियंका भी उसके साथ चिपक लेती है ,जबकि वह उसे नही ले जाना चाहता था ,!?प्रियंका कहती है ,*" मे

किसी ने सोचा नहीं होगा कि 21 जुलाई, 2022 का दिन भारत के इतिहास में अमर हो जायेगा । इस दिन ऐसी ऐसी घटनाएं घटित होंगी जो अविश्वसनीय प्रतीत होती हैं । किसने सोचा था कि कोई अर्श से फर्श पर आ गिरेगा तो कोई

सुंदर कांड आज सुबह सुबह सुंदर लाल जी हमारे मकान पर पधारे । कोरोना की घटना के बाद लोग दूसरे के घरों में जाने से ऐसे ही कतराने लगे थे जैसे सरकारी कर्मचारी ऑफिस जाने से , अध्यापक कक्षा में जाने से ,

"बाड़ाबंदी" ईवेन्ट के सफल आयोजन से कलेक्टर साहब की धाक पूरे जिले में जम गई । उनके बारे में अनेकानेक प्रकार की किंवदंतियों हवा में तैरने लगीं । कोई उन्हें "मुखिया" जी का "खासमखास" बताने लगा तो कोई "पार

बफर सिस्टम  - 1मैं अपना नित्य कर्म करके श्रीमती जी के समक्ष इस आशा से उपस्थित हुआ कि उनकी कृपा हो जाये तो उनके मखमली हाथों से एक प्याला गरम गरम ग्रीन टी मिल जाए । आप ग़लत समझ रहे हैं जनाब । मैं क

रेहान ने नादिया को रोते देख कर गहरी सांस ली और  उसका हाथ छोड़ दिया। "पहले अपना दुपट्टा ठीक करो और फिर यहां से चली जाना।" रेहान ने सख्त आवाज़ में कहा और तो नादिया ने जल्दी से अपना दुपट्टा ठीक किया औ

"आखिर येह ड्रागो है कौन??? क्या येह भी ड्रैगन की तरह मुंह से आग निकालता है?? या फिर उड़ता है??" उस आदमी ने मज़ाक़ उड़ाते हुए कहा। "वज्ज ड्रैगन की तरह ना ही मुंह से आग निकालता है और ना ही उड़ता है मगर वोह ख

सानिया अमान के कमरे बाहर आई और उसे दरवाज़ा नॉक किया लेकिन अंदर से कोई आवाज़ नही आई तो वोह दरवाज़ा खोल कर अंदर चली गयी। अंदर आते ही उसकी नज़र ब्लैक ट्रॉज़र और ब्लैक बांयाज पहेने अपनी तरफ पीठ करके खड़े कानो म

"भाई....मेरा...मेरा मतलब था कि वोह टी वी पर आज शो लगने वाला है जिसमे एडुकेशन के बारे में बताया जाएगा ताकि हमे कुछ इन्फॉर्मेशन मिल सके।" नादिया अपनी उंगलिया चटकाते हुए बात बदल कर बोली। "इस टी वी से तुम

"मुझे.....मुझे छोड़ दो..मैं...मैं ने कुछ नही किया है???"वोह आदमी गिड़गिड़ाते हुए अपने सामने खड़े चेहरा मास्क से छुपाए हुए आदमी से बोला। "माफी....हाहाहाहा ड्रागो की अदालत में सिर्फ सज़ा होती है।" ड्रागो ने

सफलता के हुनर उन्हें आते हैं  दुनियादारी को जो जान जाते हैं  मतलब की तराजू पे तौल कर  नाते रिश्तों को वो निभाते हैं ।  झूठी मुस्कान सजाते हैं लबों पर  कातिल इरादों को जो छुपात

आषाढ का महीना आषाढ़ का महीना अपने अंतिम दिन गिन रहा था । अब कुछ दिनों का ही मेहमान था वह । जिस तरह जब किसी व्यक्ति के "अंतिम दिन" आते हैं तो उससे मिलने नाते रिश्तेदार , अड़ोसी पड़ोसी , यार दोस्त

ज्ञान का गुरुकुल  - 3 आज सुबह सुबह मेरे मित्र हंसमुख लाल जी किसी नौजवान के साथ आये और कहने लगे : भाईसाहब , अपने " ज्ञान के गुरुकुल" की ख्याति दूर दूर तक फैल चुकी है । बड़ी संख्या में लोग इसम

ज्ञान का गुरुकुल  - 2 हमारे घुटन्ना मित्र हंसमुख लाल जी ने हमें एक ज्ञान का गुरुकुल खोलने का सुझाव दिया था । मैं माथापच्ची कर रहा था कि उस गुरुकुल का नाम क्या रखूं ? हंसमुख लाल जी ने कहा " ह

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