shabd-logo

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 16

26 मई 2022

27 बार देखा गया 27

दिन सोमवार
16/5/2022

चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य का मिलन और नदंवश के विनाश की आधारशिला भाग 16

  चाणक्य चंद्रगुप्त को लेकर तक्षशिला चले गए वहां उन्होंने चंद्रगुप्त को राजनीति, धर्मनीति, कूटनीति, नैतिक मूल्यों की शिक्षा, व्यवहारिक शिक्षा, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने की शिक्षाएं प्रदान की साथ ही साथ चंद्रगुप्त को शास्त्रों और शस्त्रों की संपूर्ण शिक्षा दी चंद्रगुप्त भी बहुत ही बुद्धिमान और प्रतिभाशाली लड़का था उसने चाणक्य से हर उस विषय की शिक्षा को ग्रहण किया और उसे आत्मसात भी किया जो चाणक्य ने चंद्रगुप्त को दी यूनानी इतिहासकारों के कथन से यह भी जानकारी मिलती है की चाणक्य ने चंद्रगुप्त का वेश बदलकर उसे यूनानियों के शिविर में भेजा जिससे वह यूनानियों की शस्त्र विद्या को भी सीख ले चंद्रगुप्त लगभग तीन साल तक सिकंदर के सैनिकों के शिविर में वेश बदलकर रहा लेकिन एक दिन वह वहां पहचान लिया गया यूनानी सैनिकों ने उसे पकड़ने की कोशिश की पर चंद्रगुप्त उनके बीच से उन्हें मारता हुआ उनकी आंखों के सामने से चला गया वह लोग उसका कुछ नहीं बिगाड़ सके चंद्रगुप्त की शस्त्र विद्या, बुद्धि और उसकी फुर्ती ने दुश्मनों को मात दे दी उसके बाद चंद्रगुप्त और चाणक्य ने तक्षशिला विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को समय समय पर संबोधित करना प्रारम्भ किया चाणक्य उन विद्यार्थियों को यह समझाते की हमारे देश में जो अराजकता नदंवश के शासक धननंद के कारण फैली हुई है इसका विरोध हमें करना होगा नहीं तो कुछ समय बाद ही हम विदेशियों के गुलाम बन जाएंगे हमें धननंद जैसे अत्याचारी शासक और विदेशी आक्रमणकारियों से अपनी मातृभूमि की रक्षा करनी ही होगी चाणक्य का भाषण वहां के विद्यार्थियों की समझ में आने लगा यह इतिहास का पहला उदाहरण है जब चाणक्य ने तक्षशिला विश्वविद्यालय में छात्र संघ का बीजारोपण एक अच्छे कार्य अर्थात विद्यार्थियों के मन में देशप्रेम और जनकल्याण की भावना को जगाने और गलत बात का विरोध करने के लिए किया किया था अब कुछ विद्यार्थी चंद्रगुप्त से शस्त्र विद्या सीखने लगे कुछ उन राज्यों में जाकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश करने लगे जिन राज्यों पर धननंद अधिक कर लगाकर उनका शोषण कर रहा था।

  इस प्रकार धीरे धीरे लोगों को यह विश्वास होने लगा की चंद्रगुप्त के नेतृत्व में उन्हें धननंद के अत्याचारों से मुक्ति मिल सकती है चाणक्य कुछ व्यापारियों और जमींदारों से धन का दान भी एकत्रित करने लगे जिससे वह अस्त्र शस्त्र खरीद सकें और जिन लोगों को शस्त्रों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है उन्हें कुछ धन राशि वेतन के रूप में दी जा सके जिससे उनके मन में सुरक्षा की भावना उत्पन्न हो की वह अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सकते हैं।
यह काम इतना आसान भी नहीं था इसके लिए चाणक्य और चंद्रगुप्त को बहुत ही परिश्रम करना पड़ा लोगों के द्वारा अपमानित भी होना पड़ा पर चाणक्य और चंद्रगुप्त आने वाली परेशानियों से विचलित नहीं हुए बल्कि और दृढ़ संकल्पित होकर आगे बढ़ने लगे हर कठिनाई के बाद उन्होंने एक नया सबक सिखा जो उनके संकल्प के लिए रामबाण साबित हुआ इस प्रकार चाणक्य और चंद्रगुप्त ने 12 वर्षों तक अथक परिश्रम करके अपनी एक सेना तैयार की उन छोटे छोटे राज्यों की सेनाएं भी चाणक्य और चंद्रगुप्त के साथ मिल गई जो धननंद के अत्याचारों से मुक्ति पाना चाहते थे जब चाणक्य ने सब कुछ व्यवस्थित कर लिया तो उन्होंने एक गुप्त सभा बुलाई और यह निर्णय हुआ की अब हम सभी एक साथ मिलकर मगध की राजधानी पाटलिपुत्र पर आक्रमण करेंगे लेकिन यहां चाणक्य जैसे कूटनीतिज्ञ से भी एक बहुत बड़ी ग़लती हो गई जिससे फलस्वरूप प्रथम आक्रमण में उन्हें धननंद से पराजित होना पड़ा और वह लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर छिपते फिर रहे थे। आज इतना ही कल मैं आगे के कथानक की चर्चा करूंगी की चाणक्य और चंद्रगुप्त पहली बार मगध शासक धननंद से क्यों पराजित हुए।

  डॉ कंचन शुक्ला
स्वरचित मौलिक
21/5/2022

  


18
रचनाएँ
दैनदिंनी मई
0.0
मैं अपनी डायरी में इतिहास के कुछ पन्नों को उकेरने की कोशिश कर रही हूं मैं इसमें कितना सफल हुई हूं यह निर्णय शब्द इन के पाठक गण ही करेंगे।
1

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 1

22 मई 2022
0
0
0

दिन रविवार 1/5/2022 मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने महाराजा पुरू या पोरस का व्यक्तित्व भाग 1 भारतीय इतिहास के पन्ने हमें ऐसे अनेकों महान राजा महाराजाओं की गाथाओं का ज्ञान क

2

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 2

22 मई 2022
0
0
0

दिन सोमवार 2/5/2022 सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास उनका सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक जीवन भाग 2 भारत की सिंधु घाटी की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है हम कह सकते हैं की यह

3

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई भाग 3

22 मई 2022
1
0
0

दिन मंगलवार 3/5/2022 सिंधु सभ्यता के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का परिचय भाग 3 सखी कल मैंने तुमसे सिंधु सभ्यता की नगर योजना के विषय में चर्चा की थी वह तो बहुत संक्षिप्त परिचय है पर अगर

4

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 4

23 मई 2022
0
0
0

दिन बुधवार 4/5/2022 मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने वैदिक कालीन इतिहास भाग 4 भारतीय संस्कृति के इतिहास में वेदों का अत्यन्त गौरवशाली स्थान है वेद भारत की संस्कृति की अनमोल धरोहर है आर्य

5

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 5

23 मई 2022
0
0
0

दिन बृहस्पतिवार 5/5/2022 मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने उत्तर वैदिक कालीन समाज का संक्षिप्त परिचय भाग 5 ऋग्वैदिक काल में सिर्फ़ ऋग्वेद की रचना हुई जबकि उत्तर वैदिक काल में अन्य

6

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 6

23 मई 2022
1
1
0

दिन शुक्रवार 6/5/2022 उत्तर वैदिक के अंत तक भारतीय समाज, सभ्यता, संस्कृति और साहित्य का अत्यन्त विस्तार हो चुका था।अब बढ़ता हुआ वाड्.मय एवं ज्ञान संरक्षण एक समस्या बन गया था सभी साहित्य क

7

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 7

24 मई 2022
0
0
0

दिन शनिवार 7/5/2022 महाकाव्य काल के इतिहास का संक्षिप्त परिचय भाग 7 रामायण और महाभारत दो बड़े महाकाव्य इनकी कहानियां इतनी प्रचलित और प्रख्यात हैं कि,उनका यहां वर्णन करना आवश्यक नहीं है। रामायण

8

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 8

24 मई 2022
1
0
0

दिन रविवार 8/5/2022 महाकाव्य कालीन सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक आर्थिक, और धार्मिक जीवन का संक्षिप्त परिचय भाग 8 कल मैंने रामायण और महाभारत के विषय में संक्षिप्त चर्चा की थी आज मैं महाकाव्य का

9

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 9

24 मई 2022
1
1
2

दिन सोमवार 9/5/2022 छठी शताब्दी ईसा पूर्व की राजनीतिक स्थिति का संक्षिप्त परिचय भाग 9 उत्तर वैदिक काल के बाद भारतीय समाज में राजनीतिक और धार्मिक परिवर्तन हुए जिसके कारण भारतीय

10

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 10

24 मई 2022
1
0
0

दिन मंगलवार 10/5/2022 छठी शताब्दी ईसा पूर्व और सातवीं शताब्दी के प्रारम्भ की राजनीतिक और धार्मिक क्रांति के इतिहास का संक्षिप्त परिचय भाग 10 छठी शताब्दी ईसा पूर्व से ही भारतीय इतिहास में परिवर

11

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 11

25 मई 2022
1
1
2

दिन बुधवार 11/5/2022 छठी शताब्दी ईसा पूर्व के बाद और सातवीं शताब्दी के प्रारंभिक काल के राजनीतिक इतिहास का संक्षिप्त परिचय भाग 11 मैंने पूर्व में इस बात की चर्चा की है की जब 16 महाजनपद चा

12

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 12

25 मई 2022
0
0
0

दिन बृहस्पतिवार 12/5/2022 नंद वंश के इतिहास का संक्षिप्त परिचय महापद्मनंद भाग 12 शिशुनाग वंश के पतन के पश्चात मगध के सिंहासन पर नंद वंश के शासकों ने शासन किया नंद वंश के शासनकाल में पहली बार नंद

13

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 13

26 मई 2022
0
0
0

दिन शुक्रवार 13/5/2022 नंद वंश के अंतिम सम्राट धननंद के जीवन का संक्षिप्त परिचय भाग 13 पिछले भाग में मैंने तुम्हें बताया था सखी कि नंद वंश के सम्राट महापद्मनंद ने अपने शौर्य से पहली बार भारत क

14

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 14

26 मई 2022
0
0
0

दिन शनिवार 14/5/2022 चाणक्य का संकल्प और नदंवश का उन्मूलन कैसे संभव हुआ इसका संक्षिप्त परिचय भाग 14 मगध सम्राट धननंद बहुत ही शक्तिशाली और कूटनीतिज्ञ शासक था उसके पास एक विशाल सेना थी फिर

15

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 15

26 मई 2022
0
0
0

दिन रविवार 15/5/2022 चाणक्य , चंद्रगुप्त मौर्य का मिलन भाग 15 धननंद की राजसभा से अपमानित होकर जब चाणक्य बाहर आए तो उनके मन में अपमान की ज्वाला धधक रही थी यह अपमान की ज्वाला इसलिए भी तीव्र

16

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 16

26 मई 2022
0
0
0

दिन सोमवार 16/5/2022 चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य का मिलन और नदंवश के विनाश की आधारशिला भाग 16 चाणक्य चंद्रगुप्त को लेकर तक्षशिला चले गए वहां उन्होंने चंद्रगुप्त को राजनीति, धर्मनीति, कूटनीति, नै

17

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 17

27 मई 2022
0
0
0

दिन मंगलवार 17/5/2022 चाणक्य और चंद्रगुप्त को पहली बार धननंद से पराजित होना पड़ा ऐसा क्यों हुआ? भाग 17 चाणक्य ने अपनी रणनीति तैयार कर ली थी चाणक्य ने चंद्रगुप्त के नेतृत्व में अपनी सेना

18

मेरी डायरी ज्ञान मंजूषा और इतिहास के कुछ पन्ने मई 2022 भाग 18

27 मई 2022
0
0
0

दिन बुधवार 18/5/2022 चाणक्य और चंद्रगुप्त की नई कूटनीतिज्ञ चाल और धननंद की पराजय मगध पर चंद्रगुप्त का अधिकार भाग 18 उस औरत की बात सुनकर चाणक्य को अपनी ग़लती का अहसास हो गया तब चाणक

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए