हेलो दोस्तो कैसे है आपलोग। आज हम श्वास के संबंध में कुछ जानेंगे।हम जीवित है क्योकि हम साँस ले रहे है।साँस जिसमे हम हवा को अपने नाक के नथुने से अंदर खिचते हैं और कुछ सेकंड पश्चात बाहर निकालते है। क्य
सुबह व शाम का महत्व सुबह व शाम का महत्व सभी लोगो को पता होना चाहिए। सुबह वो क्षण है जो करीब 5 से 7 बजे के बीच को हम मान सकते है। सुबह उठते ही हमारा मन ताजा रहता है इस मन का उपयोग अपने लिये करना
विचार क्या हम विचार करते है? कितने लोग विचार करते हैं? कही विचार चल रहे है उसे तो हम लोग विचार करना तो नही कहते। तो हम भूल में है। विचार दिमाग में स्वतः चलते रहते है लेकिन वह विचरना नही है।उदाह
सतत जब कोई विद्यार्थी उत्तीर्ण होता है तो उसके पीछे हजारो कदम होते हैं। वो लगातार अध्ययन करता है तब उसे वो मंजिल हासिल होती है। कोई भी हम काम करे उसमें निरंतरता जरूरी है निरंतरता एक दिन सफलता के
समग्रता पहले की अपेक्षा आज सूचनाएं ज्यादा प्राप्त हो रही है। आज इतनी सारी जानकारी हमे एक साथ मिलती है कि हम तनाव में आ जाते है। ऑफ़िस जाना है वहाँ की कई ऑनलाइन व ऑफलाइन काम पेंडिग है। बच्चो की फीस
विपत्ति का निखार हम ये सोचते है कि हम पर कोई दुख का पहाड़ ना टुटे। कोई समस्या ना आए। सोचो यदि हमे कोई कार्य न करना पड़े तो हमारे शरीर से कोई काम ना होगा मासपेशी दुर्बल हो जायेगा जब हम किसी पार्
आज हमे अपने पर्यावरण के प्रति विचार मंथन करने की ज़रूरत है। जिस पृथ्वी पर हम रहते हैं वह नष्ट होने के कगार पर है।हमने तो अपने घर को साफ सुथरा व सजाकर रखा है।पर उसका नीव ही कमजोर हो तो मकान कब तक साथ
सफलता और असफलता सफलता और असफलता जीवन में आती जाती रहती है। आप एक विद्यार्थी है और एग्ज़ाम पास कर लिए आप फ़र्स्ट डिवीजन से पास हुए आपने सोचा या लक्ष्य निर्धारित किया था कि मैं इस वर्ष फ़र्स्ट डि
जिसको जीवन कहते वो जीवन नही हम लोग ये कहते है कि हम जीवन जी रहे है। क्या यह सही है? क्या सचमुच में हम जीवन जी रहे हैं? मनुष्य जन्म लेता है बचपन आता फिर जवानी आती है फिर बुढापा। ये तो क्रमश: घटि
माइन्ड (मन) मन को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि कहा गया है मन के हारे हार है मन के जीते जीत।मन एक ऐसा शख़्स है जो अपनी जाल से हमे उलझाकर खुद मालिक बन बैठता है। मन अपनी चाल कब चलता है पता नही चलता।
गोल्डन समय सभी लोगो के मुख से आप लोगो ने ये बात सुनी होगी कलयुग का जमाना है। ये कलयुग है जरा बच के रहना यहाँ झूठ का बोलबाला है।सच कही अस्त हो गया है। लोगो की बातो को सुनते सुनते हम उसे सच मा
छोड़ गाँव की अल्हड़ मस्ती,खुद को समझता शहरी हस्ती।सोच ब्रांडेड पर चींजे सस्ती,बातें जन-जन कीं अब डसती।।छूट गया ये रक्षाबंधन।टूट गया सपना तरु चंदन।।अब लगता नहीं मन किसी मोह में।यौवन गुजरे उहापोह मे
मेहनत इतनी खामोशी से करोकि सफलता शोरमचा दे.👍👍👍
Goal को पाने के लिए यदि हम तन,मन व धन से मेहनत करते है,तो सच कहता हूं दोस्तो, कुंडली के सितारे भी अपनी जगह बदल देंगेंा
कोई भी व्यक्तिप्रतिभावान हो सकता है चाहे वो किसी भी परिवेश या समाज से संबंध रखता हो। ये बातअलग है कि कहीं कहीं लोग अपने जान- पहचान वालों को ही मौका देना पसंद करते हैलेकिन इसका अर्थ ये नहीं कि आपको दूसरे इंसान को अपने से कमतर आंकने का अधिकार मिलगया है। कुछ इंसानों की बहुत बुरी आदत होती है कि वो हमेशा
आज मनोहर घरआया तो उसकी मां उसे देखकर हक्की बक्की रह गई, चेहरे की हवाईयां उड़ी हुई और कपड़ों पर मिट्टीऔर धूल के धब्बे ऐसे प्रतीत हो रहे थे किमानो मिट्टी में लोट कर आया हो।तब उसकी मांने पूछा बेटा “ये क्या हाल
दोस्तों जिंदगी के अंदर हम जितने नर्म होते हैं। हम उतने ही असफल होते जाते हैं। नर्मी आवश्यक होती है। लेकिन इतनी नर्मी भी आवश्यक नहीं होती की वो नुकसान पहुंचाए । कोई भी चीज हो अति हमेशा नुकसानदायी होतीहै। यदि आप कम पढ़ते हैं तो नुकसान दायी है। और यदि आप बहुत अधिक बढ़ते हैं तो भी नुकसान दायी है।
जब घना अँधेरा हो, जब दूर सवेरा हो जब घोर उदासी हो, जब मति विनाशी हो जब साथ हो सब लेकिन, तू खुद में अकेला हो रख याद किन्ही रातो का तुजे देख उजाला हो तू बन तुफानो सा, रुख मोड दिशाओ के जीवन में वही काबिल है गिर के जो संभलता हो सूरज नहीं वो है एक तारा जो खुद न चमकता हो