मैं कोई डिप्रेशन की विशेषज्ञ नहीं हूं बस इस बारे में अपना मत रखना चाहती हूं। अक्सर लोग कहते है ये ज्यादा अपेक्षाएं रखने की वजह से होता है लेकिन ये बात पूरी तरह सही नहीं है कभी-कभी व्यक्ति काफी मेहनत करता है फिर भी उसे अपना हक नहीं मिल पाता है तब भी ऐसा होता है।
डिप्रेशन केवल ग्लैमर इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ हो ये ज़रुरी नहीं है दूसरे फ़ील्ड के लोग भी अवसाद में जाते है लेकिन इनकी तुलना ज़रा जल्दी उससे उबर आते है।
चाहे मीडिया कह लो या फिर मनोरंजन जगत यहां स्थाईत्व का कोई ठिकाना नहीं कभी आप बुलंदियों पर भी पहुंच सकते हो तो कभी आपका करियर एकदम नीचे जा सकता है इसके लिए उस व्यक्ति को दोष देना सही नहीं कि उसकी अपेक्षाएं ज्यादा है या वो कोशिश नहीं करता है।
केवल आपके माता पिता या रिश्तेदार इस फ़ील्ड में हो इससे ही काम नहीं चलता लेकिन ये भी बात सही है अगर आपके कनेक्शन ना हो और आप पूरी तरह बाहर से आए हो तो आपका संघर्ष कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है और आपको चांस मिलेगा या नहीं ये पूरी बात आपकी किस्मत पर आकर ठहर जाती है।
गणित और कॉमर्स से जुड़े लाखों जॉब्स हमारे देश में है एक छूटी तो दूसरी मिल ही जाती है लेकिन कला विषय जितना देखने में सरल लगता है उतनी ही उसकी राह कठिन है और यदि आप आदर्शवादी और किसी को गिराकर आगे बढ़ने की मानसिकता से दूर रहते है तो समझ लो की आपकी राह में कांटे ही कांटे है। कई प्रकार के भेदभाव आपको झेलने पड़ सकते है जो लोग असुरक्षा की भावना से ग्रसित होते है वो उल्टे आप में ही कमियां खोजना शुरु कर देते है नहीं कुछ मिला तो व्यक्तिगत टीका टिप्पणी करने लगों कि इंसान अंदर से टूट जाए। कई बार आपने कोई फ़ील्ड क्यों चुनी इस पर भी लोग सवाल उठाने लगते है।
फिर कुछ भले लोग सलाह देंगे ओह दिन रात मेहनत का शौक था तो मेडिकल या फिर सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करना चाहिए लेकिन वो भूल जाते है कि हर चीज़ की एक समय सीमा होती है। आपके माता पिता भी यही सोचने लगते है क्यों ये दिन रात धूल में लठ्ठ मारता रहता है।
क्योंकि मौके कम और भीड़ ज्यादा है तो ऐसे में गलाकाट कॉम्पीटिशन है कोई किसी का चाहकर भी दोस्त नहीं बन पाता है।
हमारा समाज सफलता देखने का इतना अभ्यस्त हो चुका है कि असफलता के लिए कोई जगह ही बची नहीं। चाहे तुम गलत रास्ता ही क्यों ना चुनो बस सफल होकर दिखाओं। हर कोई यही सवाल करता है तुम शादी कब कर रहे हो या फिर तुम्हारा करियर कैसा चल रहा है जैसे कि इसके बिना तुम्हारा कोई अस्तित्व ही नहीं है तुम कैसा महसूस कर रहे हो ये कोई नहीं पूछता।
यदि कोई व्यक्ति सब कुछ भूलकर फिर से अपने बलबूते पर उठ खड़ा होने कि कोशिश करे तो कहेंगे देखों कि ये तो बस सफलता और पैसों के पीछे भाग रहा है इसे किसी से कोई मतलब नहीं। देखना कैसे इसका घमंड एक दिन टूटेगा।
तो कुल मिलाकर दोस्त कम रखिए लेकिन ऐसे रखे कि जो आपको पद और प्रसिद्धी के लिए नहीं आप जो है उसके लिए पसंद करे और हर हाल में स्वीकार करे, मैं यह नहीं कहती कि बाकी से दुश्मनी रखे हां अगर लगे कि वो अवसरवादी है और आपके निजी जीवन में अत्याधिक दखल देते है तो काम से काम रखे ज्यादा घुलने मिलने की कोशिश ना करे।
संगीत सुनिए, हां उदासी वाले गीत नहीं और सेल्फ हेल्प वाली और मोटिवेशनल बुक्स पढ़े।
प्रोफेशनल काउंसलर या करियर काउंसलर की सलाह भी ले सकते है यदि आपके मन में कोई उलझन हो तो।
अगर आप उन लोगों से सहानुभूति की उम्मीद रखेंगे जो आपसे कॉम्पीटिशन की भावना रखते है जिनके लिए सिर्फ अपनी ही खुशियां महत्वपूर्ण है तो निराशा ही हाथ लगेगी।
फिर भी मैं यह कहना चाहूंगी दुनिया में बुराई के बावजूद अच्छाई भी है लेकिन नकारात्मकता अपनी ओर ज्यादा
आकर्षित करती है जैसे कि कहा भी गया है कि जहर की एक बूंद पूरे दूध को खराब कर देती है।
अपनी मित्रता का दायरा
केवल अपनी ही फ़ील्ड वालों तक सीमित ना रखे दूसरे फ़ील्ड के विश्वसनीय लोगों से भी
मित्रता रखे, और हां अपने स्कूल के वक्त के मित्रों को कभी ना भूलिए ये
मित्रता जीवन-भर टिकती है। अपने से बड़ी उम्र के लोगों से भी मित्रता रखे क्योंकि उन्हें जीवन के अनुभव पता होते है।
रेल हमें जीवन दर्शन सिखाती है कि जैसे काली सुंरग से निकलने के बाद उजाला ज़रुर आता है। हां कुछ चीज़े जैसे रिश्ते, करियर और स्वास्थ जिन्हें ठीक होने में आपको शायद दूसरे लोगों से ज्यादा वक्त लग सकता है लेकिन ये आपकी ज़िंदगी है तो आप कैसे खुश रह सकते है ये तय करने का अधिकार आपसे कोई नहीं छीन सकता है और हां जो लोग सचमुच किसी की मदद करना चाहते है वो ज्ञान बांटना बंद करे क्योंकि कभी व्यक्ति को इसकी नहीं साथ की ज़रुरत होती है यदि साथ नहीं दे सकते तो उसे अकेला ही छोड़ दिजिए वो अपनी समस्याएं खुद ही सुलझा लेगा।
शिल्पा रोंघे