आओ, मुस्कराने की वजह ढूंढते हैं।
आंधियों में भी चिराग
जलाने की कोशिश करते हैं।।
तूफान का काम है आना।
तूफान का काम है जाना।
तूफान में हम कश्ती बचाते हैं।।
अंधेरों से घबराकर राह नहीं भटकते।
मजधार में अपनों का हाथ नहीं छोड़ते।
हमेशा दामन थाम मंजिल तक पहुंचाते हैं।।
हौसला रख हम सबका साथ देते हैं।
डूबते हुए को साहिल पे ले आते हैं।।
रोते हुए चेहरे पर मुस्कान ले आते हैं।।
बचपन की तरह गमों को भूल हम
चहुंओर मुस्कान बिखेरते है अंश।।।