रंगों की छटा निराली
लाल,पीला,नारंगी ।।
रंगों का मिजाज बदला
हरा, गुलाबी, नीला और काला।।
रंगों की छटा की दुनिया दिवानी
बैंगनी, गुलाबी, नीला और आसमानी।।
भिन्न-भिन्न स्वरूप में रंग मुस्कराते हैं
जीवन मंत्र में श्वास बन खिल जाते हैं।।
फाल्गुन में प्रकृति भी रंग रूप बदलती है
खेतों खलिहानों से लेकर कुदरत भी
हरियाली चुनर पहन खिल जाती है।।
गोरी के गालों पर लाल, पीला व हरा रंग
आपस में मिल इठलाता है अंश।
चांद से मुखड़े पर रंगों की अनुपम छटा
गोरी की खुबसूरती को बढ़ाता है।।
रंगों की दुनिया बहुत मनोहर है
बिन रंगों के जिन्दगी बदसूरत है।
कुदरत भी एक नायाब तोहफा है ईश्वर का।
रंगों का मिजाज है अद्भुत, अनुपम छटा प्यार का।।
कजरारी आंखों में भी तमाम रंग पलते हैं।
वक्त वक्त पर रंग रूप बदलते हैं।।
सफेद रंग का कोई रंग नहीं होता।
सफेद रंग पर सभी रंग चढ़ता।।
काला रंग है अंधियारे का
स्याह काले रंग पर कोई रंग असर नहीं करता।।
रंगों की दुनिया अद्भुत संगम है जीवन का।
वर्ष में एक त्योहार है रंगों के उत्सव का।।