मेरे बाबाजी ने मुझे अपने जज्बातों को शब्दों में ढालना सिखाया था और मैं उनकी याद में हृदय में उमड़ते घुमड़ते अक्षरों को शब्द बना लेखनी से अपनी आपके समक्ष प्रस्तुत कर देती हूं। यह पुस्तक मैं अपने बाबाजी के चरणों में और प्रत्येक कविता उनके प्यार के हरेक रंगों के नाम करती हूं 🙏🙏