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मुझे बहुत याद आती है

5 मार्च 2022

31 बार देखा गया 31
जीवन में बहार है।
मस्ती का फुहार है।।
अलबेली सरकार है।
हमसफ़र का साथ हैं।।
घर परिवार में मौज है।
बच्चों की दुनिया खुब है।।
मित्रों की मंडली खुशियों का
अद्भुत संगम है अंश।।
फाल्गुनी बयार है।
पतझड़ पात में नववर्ष
का खुबसूरत आगाज हैं।।
प्रकृति प्रदत्त धरती पर
संसाधनों की भरमार है।।
जब विरह बेला आती है।
मुझको बहुत रुलाती है।।
मां पिता की छांव में गुजरी
जिन्दगी बहुत याद आती है।।
मेरा बरगदी स्पर्श महसूस होता है।
मां पापा की मुझे बहुत याद आती है।।
बहुत ही याद आती है।
बिच्छू सा दंश मार रुलाती है।।
काव्या सोनी

काव्या सोनी

Behtreen likha aapne dear

5 मार्च 2022

Dr Anita Mishra

Dr Anita Mishra

20 मार्च 2022

बहुत बहुत आभार डियर 💞💞

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रचनाएँ
अन्नू के जज़्बात
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मेरे बाबाजी ने मुझे अपने जज्बातों को शब्दों में ढालना सिखाया था और मैं उनकी याद में हृदय में उमड़ते घुमड़ते अक्षरों को शब्द बना लेखनी से अपनी आपके समक्ष प्रस्तुत कर देती हूं। यह पुस्तक मैं अपने बाबाजी के चरणों में और प्रत्येक कविता उनके प्यार के हरेक रंगों के नाम करती हूं 🙏🙏
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टूट गया सपना

2 मार्च 2022
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मेरी आंखों ने देखा थाबहुत ही खूबसूरत सपना।जीवन होगा प्यार मेंधरा नभ होगा अपना।।हर मुकाम पर मेरी जिंदगी काहंसते हंसते होगा पूरा।हसरतें कभी ना हुई पूरीछन छन टूटा एक एक सपना।।अब आंखें नहीं देखती हैकोई सप

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एक ऐतिहासिक पल

2 मार्च 2022
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शब्द मंच का फेसबुक पर मिलनाहमारी लेखनी को इक नया आयाम देना।उड़ान भरने को आकाश देनाशब्दों के साथ खेलने को प्लेटफार्म देना।।तमाम निगाहों में सम्मान दिलाना।एक एक लेखक की समस्या कात्वरित गति से समाधान करन

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हाथ थाम लो मेरा

3 मार्च 2022
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मैं अकेली इस जहां मेंसाये की तरह भटक रहीं हूं।पाखंडी समाज में व्याप्तकुरीतियों से जूझ रही हूं।।क्या करुं, कहां जाऊंउलझी हुई हूं मैं।सामने गढ्ढा पीछे खाईकहीं गिर ना जाऊं मैं।।थाम लो हाथ मेरा अंशमुझे सह

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हाथ थाम लो मेरा

4 मार्च 2022
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मैं अकेली दरबदरभटक रहीं हूं रहबर।चहुंओर अंधेरा छायाहुआ है ज़िन्दगी में गिरिधर।।कोई सहारा नहीं बचा हैजीवन में मेरे नटवर।तन्हाई और तनाव सेफट रहा है तन मन।।जहां की रीत देख अंशखो ना जाऊं कृष्णा।पकड़ लो हा

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मुझे बहुत याद आती है

5 मार्च 2022
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जीवन में बहार है।मस्ती का फुहार है।।अलबेली सरकार है।हमसफ़र का साथ हैं।।घर परिवार में मौज है।बच्चों की दुनिया खुब है।।मित्रों की मंडली खुशियों काअद्भुत संगम है अंश।।फाल्गुनी बयार है।पतझड़ पात में नववर्

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मुस्कान

7 मार्च 2022
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आओ, मुस्कराने की वजह ढूंढते हैं।आंधियों में भी चिरागजलाने की कोशिश करते हैं।।तूफान का काम है आना।तूफान का काम है जाना।तूफान में हम कश्ती बचाते हैं।।अंधेरों से घबराकर राह नहीं भटकते।मजधार में अपनों का

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स्त्री

8 मार्च 2022
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स्त्री हूं मैं।स्त्री की कोख से हीसृजन होता मेरा।।स्त्री हूं मैं।जहां में मैं अकेलीसृजन का पर्याय हूं।।स्त्री हूं मैं।घर परिवार की ढाल हूं औरसमाज में व्याप्त मेरा अस्तित्व है।।स्त्री हूं मैं।इक बेटी,ब

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जज़्बात

9 मार्च 2022
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जज्बातों के भंवर मेंउलझती जा रही हूं मैं।अरमानों के अभाव मेंजिये जा रही हूं मैं।।ऐतबार के ऐतबार मेंछली जा रही हूं मैं।जिन्दगी तुझे हर कदम पेबर्दाश्त किए जा रही हूं मैं।।इम्तिहान देते देते थक गई हूं मै

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आशा

10 मार्च 2022
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जिन्दगी है छोटी सी।इच्छाओं का आकाश बड़ा सा।उम्र घटती गई।उम्मीद बढ़ती गई।।अपनों के बाजार में।गैरों के अधिकार में।।मंजिल छूटती गई।आशा बढ़ती गई।।जीवन के भंवर में।आशा के उन्माद में।।हम फंसे हुए हैं अंश।जम

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उन्माद

11 मार्च 2022
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तन्हाईयां मुझे बहुततड़पाती है।इच्छाएं भावशून्यहो खो जाती है।।रवि, शशांक की अठखेलियां मनको छू नहीं पाती है।।दिन रात घटता-बढता रहता है।हरितमा फाल्गुन मास मेंअपने शबाब पर होता है।।आलस्य कुछ ज्यादा ह

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बेवफ़ाई

12 मार्च 2022
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तुम इतना कैसे बदल गये।मुहब्बत करते करतेबेवफा हो गये।।कभी मेरे रहनुमा थे तुमआज मुझसे जुदा क्यों हो गए।आंखों में पलते थे ख्वाब दिन रातख्वाबों को तोड़ कर क्यों चले गए।।बाहों के घेरे में महफूज थी मैंमुझे

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विश्व गुरु

13 मार्च 2022
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इक दिन ऐसा आएगा।भारत देश खिल जायेगा।।समाज में व्याप्त कुरीतियांसमाज से दूर हो जायेगी ‌।नन्हा सूरज चांद सितारे संगजमीं पर उतर कर आयेगा।।धर्म, जाति, राजनीति के नाम परजनता को नहीं ठगा जायेगा।सोने की चिड़

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क्या इश्क होता है

13 मार्च 2022
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क्या वाकई इश्क होता है जहां में।प्रेमी युगल क्या दिलोजान से चाहते हैं।।क्या इश्क में पुष्प आच्छादित होता है।चांद सितारों संग सूरज इश्क संग मुस्काता है।।गर इश्क मोहब्बत है इस जहां में अंशफिर बेवफाई क्य

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फाल्गुन मास

14 मार्च 2022
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फाल्गुन मास में शिव शम्भू नेमां गौरी संग खेलना चाहा रंग गुलाल।दल बल लेकर कैलाशी चलेपत्नी गौरा से मिलने ससुराल।।हृदय उमंग से भर भर जातापांवों में लगा वायु वेग।नंदी भृंगी संग गण,भूत, पिशाचभस्म रमाए शिव

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जन्म और मृत्यु

14 मार्च 2022
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जिन्दगी एक बंदगी है।सबक सिखाने की पाठशाला है।।दुख सुख दोनों में हीतराजू की तरह एक बराबरखुद को तौलने की कार्यशाला हैं।।प्यार मुहब्बत में मोम की तरहपिघलता तन मन है अंश।विरह की वेदना से दग्धहृदय सुध बुध

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आंदोलन

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बापू तुमने सत्याग्रह आंदोलन छेड़ा।सत्य अहिंसा परमो धर्म के लिए।।स्वदेशी अपनाओ विदेशी छोड़ोआंदोलन में विदेशी सामानों की होली जलाई।।स्वदेशी आंदोलन ने देशवासियों कोभारत के सामानों का उपभोग बताया।महात्मा

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होली का त्यौहार

18 मार्च 2022
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रंगों की बौछार।खुशियों भरा इंतजार।।आया होली का त्यौहार।झूमा सारा संसार।।अनेकानेक रंगों से सराबोर हुआधरती और जहां।ऐसी मस्ती सिर्फ रंगों मेंहोली का पागलपन और है कहां।।टेसू के फूलों के जैसामहका हर घर में

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ऊंची सोच

18 मार्च 2022
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अपनी अपनी सोच हैअपना अपना राग।सबकी सुनने वाला दिलरोता है दिन रात।।खुशियां दुखते हृदय कोविचलित कर जाती है।चौखट पर दस्तक देकरवापस चलीं जाती है।।दुख से छलकते हृदय कोपूछता नहीं है कोय।हिदायतों के अंबार से

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उत्साह

19 मार्च 2022
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रंगों की छटा निरालीलाल,पीला,नारंगी ।।रंगों का मिजाज बदलाहरा, गुलाबी, नीला और काला।।रंगों की छटा की दुनिया दिवानीबैंगनी, गुलाबी, नीला और आसमानी।।भिन्न-भिन्न स्वरूप में रंग मुस्कराते हैंजीवन मंत्र में श

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बसंत ऋतु

20 मार्च 2022
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सखी री,बसंत ऋतु आय।अमवा के बौर जसजिया बौराय।।कोयलिया के कूक सुनबैरी तन कुम्हलाय।नव पल्लवन पल्लवितमंजरी व फूल,पातचहुंओर बसंत ऋतुहल्की हल्की ठंड दे मुस्काय।।पियवा बसे परदेश मेंतन मन सुलग- सुलग जाय।सखिया

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मेरी डायरी

21 मार्च 2022
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मेरे जज़्बातों की भाषा हो।ऐतबार की कहानी हों।।उद्गारों को जो समझ सकें।बिन जुबां सब समझती हों।।उल्टे- पल्टे भावों को सुबह-शाममैं अनगढ़ पेश करतीं हूं।तोड़-मरोड़ के शब्दों कोकलम की धार से लिखती हूं।।आंखो

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माया मोह का बंधन

23 मार्च 2022
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तन को सजाया।मन में प्यार बसाया।।तमाम रिश्ते बनाए।मुहब्बत से दिलों मेंजगह बनाया।।दुनिया की हररीत निभाई।ईश्वर प्रदत्त उपहारप्रकृति को अपनाया।।धरा नभ और जीवन कोतन मन से महकाया।नैनों की गागर सेजीवन मंत्र

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