- पनामा केस मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को दोषी करार दिया है. इस फैसले के बाद नवाज शरीफ पाकिस्तान के पद से हटाए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट में कहा गया था कि शरीफ और उनके बच्चों का रहन सहन उनके आय के ज्ञात स्रोत के मुताबिक नहीं है. रिपोर्ट में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज करने का सुझाव दिया गया था.
- आपको बता दें कि इस मामले में नवाज की बेटी मरियम नवाज शरिफ जेआईटी के सामने पेश हुईं थी. मरियम को अपने पिता नवाज शरीफ की राजनीति क उत्तराधिकारी मानी जाती हैं. उनकी शख्सियत को लोग पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो से जोड़कर देखते हैं. बेनजीर की तरह वे भी हमेशा महिलाओं के हक के लिए और रूढ़िवादी इस्लाम के खिलाफ आवाज उठाती रहती हैं.
- मरियम ने अपनी अपनी पढ़ाई कैलेफोर्निया से की हैं. इसके अलावा वह पीचएडी भी कर रही हैं. मरियम को नवंबर 2013 में पीएम द्वारा युवाओं के लिए चलाए जा रहे प्रोग्राम की चेयरमैन बनाया गया. हालांकि लाहौर कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था.
- मरियम ने मोहम्मद सफदर से शादी की थी. वह पाकिस्तानी आर्मी में एक्स ऑफिसर हैं. दोनों के तीन बच्चे हैं. बता दें कि उनकी बेटी मेहरुन्निसा के निकाह में भारतीय पीएम मोदीअचानक से पहुंचे थे.
- इसके अलावा उनके पति आर्मी से रिटायर होने के बाद नवाज शरीफ की पीएमएल-एल पार्टी के चीफ ऑर्गेनाइजर बनाए गए थे. लेकिन 2010 में उनके काम से नाखुश होकर नवाज शरीफ ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया था.
- हालांकि मरियम ने अपनी सूझबूझ से पति और पिता के बीच की दूरियां एक झटके में खत्म कर दी थीं. मरियम के इस कदम की पीएमएल-एन पार्टी में जमकर तारीफ हुई थी.
- गौरतलब है कि मरियम पाकिस्तान की कट्टरपंथी छवि के सख्त खिलाफ हैं. वह अक्सर अपने भाषणों में भी इस बात का जिक्र करती है कि पाकिस्तान को कट्टरपंथी छवि से बचाए रखना देश के वजूद के लिए अहम है.
- हालांकि पद में रहने के दौरान मरियम ने 10 हजार करोड़ रुपए की ‘यूथ बिजनेस लोन’ स्कीम की घोषणा की थी. इसके बाद ही वह पाक के युवाओं के बीच वह काफी पॉपुलर हुई थीं.
- मरियम 1997 से ‘शरीफ ट्रस्ट’ का कामकाज संभाल रही हैं. यह ट्रस्ट पाक में शिक्षा को बढ़ावा देने का काम करता है. ट्रस्ट का पूरा कामकाज मरियम की निगरानी में होता है.
- मरियम के दो भाई हुसैन-हसन और एक बहन भी है, लेकिन सिर्फ मरियम की ही पाकिस्तान की राजनीति में मजबूत पकड़ है.