बाराबंकी✒✒
👉🏻अध्यापक के खिलाफ खबर लिखना एक पत्रकार को महगा पड़ा।
👉🏻पुलिस ने बिना मामले की जांच किये ही पत्रकार को भेजा जेल।
👉🏻यूपी पुलिस की बहादुरी करने का कारनामा दबंग और गुंडागर्दी करने वाले सरकारी अध्यापक की फर्जी तहरीर पर एक निर्दोष पत्रकार को भेज दिया जेल।
👉 उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक बार फिर एक निर्दोष पत्रकार पर पुलिस ने फर्जी और गम्भीर धारावों में मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया है। जबकि घटना के चश्मदीतों के अनुसार बाराबंकी की थाना सफदरगंज पुलिस ने जो सरकारी अध्यापक की तहरीर पर पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया उस मुक़दमे की सच्चाई कुछ और थी यहाँ तक पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद घटनास्थल पर भी जांच करने नहीं गयी। और पत्रकार को रंजिशन गिरिफ्तार करके लॉकअप में ठूस दिया। दरअसल पीड़ित पत्रकार ने थाना सफदरगंज क्षेत्र में पुलिस की साठ गाँठ से चल रहे रहे अवैध धंधों के खिलाफ भी खबरे लिखी थी जिसके चलते थानेदार इससे रंजिश मानते थे, और इसी के चलते उन्होंने पुलिस की ताकत का बेजा इस्तेमाल कर पत्रकार को जेल भेज दिया इस घटना के बाद से यूपी सरकार की बाराबंकी पुलिस पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए है। जिन सवालों का जवाब न तो पुलिस के बड़े अधिकारीयों के पास है और न ही शिक्षा विभाग के पास।
👉🏻मामला बाराबंकी के थाना सफदरगंज के मुश्की नगर का है जहा मुश्कीनगर के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने वाले अध्यापक अक्सर स्कूल से गायब रहते है और इसकी सूचना ग्रामीणों ने स्थानीय पत्रकार प्रेम वर्मा को दिया जिसके बाद जेल में बंद पत्रकार ने मास्टर साहब की हकीकत अख़बारों में छपवा दी और मास्टर साहब के खिलाफ खबरे में लिख रहा था उसी ख़बरों को रंजिश मानते हुए मास्टर साहब अपनी दबंगई पर उत्तर आये और जब पिछले दिनों 22 दिसंबर को जब पत्रकार प्रेम वर्मा अपने साथी पत्रकार से मिलने उस क्षेत्र में पहुंचे ही थे की मास्टर साहब अपनी गुंडई पर उतारू हो गए
बाइट : पुरुषोत्तम द्विवेदी : स्थानीय पत्रकार
घटना के चश्मदीतों के अनुसार मास्टर साहब अपने प्राथमिक विद्यालय मुश्कीनगर से अक्सर गायब रहते है और अगर वो स्कूल आते भी है तो वो अपने स्कूल में न बैठकर पास के दुसरे पूर्व माध्यमिक विद्यालय में मिलते है, और उस दिन भी मास्टर साहब यही बैठे हुए थे, ग्रामीण चश्मदीदों के अनुसार जब पत्रकार प्रेम वर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय अपने सहयोगी साथी पुरुषोत्तम से मिलने वहा जैसी ही पहुंचे ही थे, की पहले से रंजिश मान रहे मास्टर सुरेश चन्द्र ने पहले तो गाली गलौज किया और उसके बाद उनपर डंडे से हमला बोल दिया,लोगो ने बीच बचाव कर दोनों को अलग कर दिया। घटना के बाद पीड़ित पत्रकार थाना सफ़दर गंज भी गए थे लेकिन पुलिस ने उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की चौकाने वाली बात तो ये है की दो दिन बाद उल्टे आरोपी अध्यापक सुरेश चन्द्र की फर्जी शिकायत पर पत्रकार प्रेम नरायन वर्मा पर गंभीर धारावों में मुकदमा दर्ज कर उसे आज जेल भेज दिया।
आरोपी अध्यापक सुरेश चंद्रा की तहरीर पर पुलिस ने न सिर्फ मारपीट करने का केस दर्ज किया बल्कि आधा दर्जन से अधिक गंभीर धारावों में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया पुलिस ने पत्रकार पर एससी एसटी मुकदमा दर्ज करने के साथ ही धारा 384 दर्ज कर ब्लेकमेल करने का भी केस दर्ज किया है इतना ही नहीं पुलिस ने आईपीसी की धारा 294 ,व धारा 332 व 353 भी दर्ज किया है।घटना के चश्मदीदों के अनुसार गाँव के ग्राम प्रधान भी इस सरकारी अध्यापक के खिलाफ कई बार शिक्षा विभाग में दर्जनों शिकायते दर्ज करवाई है लेकिन ऊंची पहुंच रखने वाले इस बेलगाम और गुंडई पर उतारू अध्यापक के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हुयी है।
बाराबंकी में एक निर्दोष दैनिक पत्रकार प्रेम नरायन के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की इस घटना के बाद अब बाराबंकी के पत्रकारों में आक्रोश जरूर है जिसको लेकर आज जिले के पत्रकार एकजुट होकर निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग कर दोषी अध्यापक के खिलाफ कार्य वाही की मांग करेंगे।
👉🏻अब सवाल ये क्या पुलिस सच्चाई के खिलाफ के लिखने वाले पत्रकारों पर बिना जांच किये यूँ ही मुकदमा दर्ज कर जेल भेजती रहेगी।
👉🏻पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बनाये गए नियम कानून को ताख पर रखकर जिस तरह बाराबंकी की थाना सफदरगंज पुलिस ने एक निर्दोष पत्रकार को उसके घर से गिरिफ्तार कर बदादुरी दिखाई है वो यही बाराबंकी की पुलिस उस समय कहा थी जब जिले के ही एक पत्रकार की माँ को थाने में ज़िंदा जलाकर मारने के आरोपी थानेदार और वहा के कर्मियों को आजतक भी गिरिफ्तार नहीं कर सकी है आखिर कार ह्त्या जैसे गंभीर मामले के वांछित आरोपी थानेदार को पुलिस आज भी गिरिफ्तार कर जेल नहीं भेज पायी जबकि मरने से पहले पत्रकार की माँ ने चीख चीख पर पुलिस की दरिंदगी पूरे देश को बतायी थी वो वहा गए नियम कानून जिसके तहत बाराबंकी पुलिस ने आरोपी पुलिस कर्मियों को बचा कर अपनी बहादुरी का साक्ष्य दिया है।
पीड़ित का नंबर941566111