किसी पिता ने खुब कहा है
मुझे इतनी "फुर्सत" कहाँ कि मैँ तकदीर का लिखा देखुँ., बस अपनी बेटी की "मुस्कुराहट" देखकर समझ जाता हुँ. की "मेरी तकदीर" बुलँद है।
बेटियाँ इसलिए भी ज्यादा खास होती हैं
क्योंकि माता पिता बेटी को बेटा भी कह लेते हैं !!
मगर बेटे को बेटी नहीं .... !!
दो शब्द बिटिया के लिए :-
चिड़िया को देख वो बोली पापा मुझे भी पँख चाहिए,
पापा मन ही मन बोले पँख ना होते हुए भी उड़ जाना तुझे एक दिन..😔