जनसमस्याओं के निस्तारण के लिए लागू होगी समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली
आनलाइन दर्ज की जा सकेंगी शिकायतें
बहराइच। जनसमस्याओं का निस्तारण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए प्रदेश में समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली लागू की जा रही है। लोक शिकायत अनुभाग-5
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा प्रभावी शिकायत प्रबन्धन, निवारण और निगरानी के लिए विकसित की गयी जन सुनवाई प्रणाली से विभिन्न शिकायत प्रबंधन प्रणालियों को
एक प्लेटफार्म वेबसाइट जेएएनएसयूएनडब्लूएआई डाट यूपी डाट एनआईसी डाट इन पर समाहित किया गया है।
जन सुनवाई के लिए विकसित की गयी इस नई व्यवस्था से नागरिकों एवं शासन, विभागों
एवं शासकीय कार्यालयों के बीच आसानी एवं पारदर्शी तरीके से संवाद हो सकेगा।
नागरिक किसी भी समय शिकायतों को दर्ज कर सकेंगे, ट्रैक कर सकेंगे तथा सम्बन्धित विभागों अथवा अधिकारियों को निस्तारण एवं अनुश्रवण की सुगम सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी।
समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) के तहत प्रथम चरण में मुख्य मंत्री कार्यालय, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय, तहसील दिवस, भारत सरकार(पी.जी.पोर्टल) तथा जनसुविधा एवं लोकवाणी केन्द्रों से प्राप्त सन्दर्भो को समन्वित/एकीकृत किया जा रहा है। भविष्य में अन्य कार्यालयों में प्राप्त संदर्भों के लिए भी इस प्रणाली का उपयोग किया जायेगा। इस प्रणाली की समीक्षा एवं अनुश्रवण लोक शिकायत अनुभाग-5 (जन सुनवाई) आईजीआरएस सेल मुख्य मंत्री कार्यालय द्वारा की जायेगी।
वर्तमान में जनसमस्याओं के निस्तारण के लिए आमजन मुख्य मंत्री कार्यालय, डीएम,व एसपी के कार्यालय, तहसील एवं समाधान दिवस, जनसुविधा एवं लोकवाणी केन्द्रों आदि के माध्यम से अपने आवेदन-पत्र प्रस्तुत करते हैं। इसके अलावा प्रमुख सचिव/सचिव, विभागाध्यक्ष, मण्डलायुक्त व फील्ड स्तर के अन्य कार्यालयों में भी आवेदन पत्र/जन शिकायतें प्राप्त होती हैं। विभिन्न माध्यमों से प्राप्त आवेदन-पत्रों के अनुश्रवण के लिए अलग-अलग पोर्टल/साफ्टवेयर का प्रयोग किया जा
रहा है। जिससे सम्बन्धित विभागों/अधिकारियों को अनुश्रवण एवं निस्तारण के लिए अलग-अलग पोर्टल पर कार्य करना पड़ता है इससे न केवल जनमानस को जानकारी उपलब्ध कराने में असुविधा होती है बल्कि प्राप्त शिकायतों के निस्तारण/समीक्षा में भी
कठिनाई होती है व अधिक समय लगता है। इसके अतिरिक्त इसमें कार्य की अनावश्यक
पुनरावृत्ति भी होती है।
जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए विकसित की गयी आईजीआरएस प्रणाली की
विशेषता यह होगी कि नागरिकों से आवेदन पत्र प्राप्त होने पर उसे स्कैन व अपलोड किया जायेगा। आवेदन प्राप्तकर्ता अधिकारी प्राप्त आवेदन-पत्रों की ई-मार्किंग कर सम्बन्धित अधिकारियों को अग्रसारित करेंगे। ऐसे आवेदन पत्रों की मूल प्रति डाक के माध्यम से भेजे जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि किसी सन्दर्भ का अग्रसारण कवरिंग लेटर के माध्यम से होना होगा तब भी उसे डाक से न भेजकर पोर्टल
पर ही अपलोड किया जायेगा। एक ही पोर्टल/प्लेटफार्म पर शिकायतें उपलब्ध होने पर
विभागीय अधिकारियों को एक ही यूज़र/पासवर्ड द्वारा संदर्भों का निस्तारण/अनुश्रवण करने की सुविधा प्राप्त होगी।
इस प्रणाली की एक और विशेषता यह भी होगी कि आवेदक को पंजीकरण, अग्रसारण,
निस्तारण आदि में प्रत्येक स्तर पर एसएमएस भेजने की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
दर्ज आवेदन पत्रों की संदर्भ संख्या द्वारा आवेदन-पत्र की अद्यतन स्थिति प्रत्येक
स्तर पर ज्ञात की जा सकेगी। निर्धारित समयावधि के अन्दर आवेदन पत्र का निस्तारण न होने पर शिकायतकर्ता इस प्रणाली के माध्यम से सम्बन्धित अधिकारियों को आनलाइन अनुस्मारक भी भेज सकेंगे।
इस प्रणाली के अन्तर्गत प्रदेश के महत्वपूर्ण कार्यालयों को आवेदन-पत्र/शिकायत दिये जाने के लिए नागरिकों को आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी जिसके माध्यम से वह अपने आवेदन-पत्र आनलाइन दर्ज कर सकेंगे और उन्हें सम्बन्धित विभागों/कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। आमजन द्वारा दर्ज किये गये आवेदन-पत्रों की निस्तारण आख्या सम्बन्धित अधिकारियों/विभागों द्वारा पोर्टल पर प्रविष्टि करना अथवा हस्ताक्षरित आख्या अपलोड करना अनिवार्य होगा।
निस्तारण आख्या की मूल प्रति (हार्ड कापी) भेजना आवश्यक नहीं होगा।