shabd-logo

पानी प्रदुषण

2 जून 2023

6 बार देखा गया 6

प्रकृति की ओर से हमें बहुत सारी देने दी गई है। जिनके बिना धरती पर जीवन बिल्कुल असंभव है। उन सभी देनों में से सबसे अनमोल देन है पानी। पानी बिना धरती पर जीवन बिल्कुल असंभव है। पानी मानव की सबसे बड़ी और अहम जरूरत है ‌। पानी के बिना इन्सान का एक दिन भी जिंदा रहना नामुमकिन है। पानी मानव की बहुत सारी जरूरतों को पूरा करता है। पानी  मानव के पीने के लिए,भोजन पकाने के लिए , बर्तन साफ करने के लिए, नहाने के लिए, कपड़े धोने के लिए आदि ऐसी बहुत सी जरूरतों के लिए उपयोग करते हैं। पानी के बिना ना केवल मानव का  जिंदा रहना
रहना मुश्किल है बल्कि जानवरों और जीव जंतुओं  का जीवन असंभव है। इनके अलावा पेड़ - पौधों का भी उगाना भी  असम्भव है। लेकिन यह सब जानते हुए भी मानव पानी को व्यर्थ गवा रहे हैं।
पानी का दूर-उपयोग =
1 )नल चलते छोड़ देना।
2 )कार , मोटरबाइक आदि ऐसे वाहनों को धोते समय चलती टूटी छोड़ना।
3) बाल्टी भरते समय टूटी चलाकर ध्यान ना देना। और बाल्टी के भर जाने के बाद पानी का बहना।
4 ) नल चलते छोड़ कर टुथ ब्रश  करना।
5) टैंक भरने पर जल्दी बंद ना करना। और टैंकों में पानी का व्यर्थ बहना।
6) पाइप लीक होने पर मुरम्मत ना करवाना की वजह से पानी का टपकना ।

करना। आदि बहुत सी  क्रियाओं से मानव द्वारा पानी को व्यर्थ गवाया जा रहा है। इन सभी क्रियाओं से तो मानव पानी को व्यर्थ गंवा रहा है लेकिन मानव द्वारा कुछ और क्रियाओं से  पानी को प्रदुषित भी किया जा रहा है। मानव द्वारा पानी को बहुत बड़ी मात्रा में प्रदुषित किया जा रहा है।  मानव द्वारा कारखानों के बची -खुची रसायन पदार्थ, कपड़े धोने वाली डिटर्जेन्ट पाउडर, शहरों का कुड़ा -करकट, अर्थियों को पानी में बहाना, पालिथीन को पानी में फेंकना आदि मानव की इन सभी क्रियाओं के कारण पानी बहुत ज्यादा मात्रा में प्रदुषित हो गया है। पानी के सभी सूत्र जैसे कि समुद्र, नदियां , दरिया झील और धरती के नीचे का पानी भी प्रदुषित कर दिया है। प्रदुषित पानी कारण पानी में रहने वाले जीवों का जीवन भी खतरे में पड़ गया है। पानी के प्रदुषित होने के कारण मानव को बहुत सारी रोग लग जाते हैं।पानी में यूरेनियम जैसे तत्व मिल जाते हैं। इन तत्वों की ज्यादा मात्रा की वजह से कैंसर जैसी भयानक बीमारियां का सामना करना पड़ता है। पानी के प्रदुषित होने से मानव के शरीर में हैजा, मलेरिया, बुखार और दस्त जैसी बिमारियां फैल जाती है। मानव पानी को प्रदुषित करके ना केवल अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है बल्कि वह जानवरों और जीव जंतुओं के जीवन को खतरे में डाल रहा है। पानी - प्रदुषित  होने की बहुत ज्यादा की भयानक स्थिति   है । मानव को समझना चाहिए कि पानी को व्यर्थ गवाने और प्रदुषित करने की बजाए पानी का ज़रूरत अनुसार उपयोग करके पानी को बचाने की कोशिश करनी चाहिए। और पानी को प्रदुषित करने की बजाए पानी को साफ सुथरा रखना चाहिए। हमारा जीवन पानी पर निर्भर करता है। अगर जल है तो कल है।

11
रचनाएँ
मानव द्वारा प्रक्रिति का विनाश
0.0
मानव जीवन में जंगल बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जंगल मानव की बहुत सी जरुरतों को पूरा करते हैं। जंगल बहुत सी लकड़ियां प्रदान करते हैं। जो हमारे अलग -अलग कामों के लिए उपयोग की जाती है। जैसे कि भोजन पकाने के लिए, फर्नीचर बनाने के लिए , कुर्सी टेबल बनाने के लिए और कागज बनाने के लिए और इसके सिवाय और भी अन्य उद्योगों के लिए उपयोग की जाती है। जंगल बरखा लाने में सहायक होते हैं। जिससे हवा का तापमान ठंडा रहता है। जंगल हमारे वातावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने में मददगार साबित होते हैं।जंगल बहुत बड़ी मात्रा में हवा में मोजूद कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और हवा में आक्सीजन छोड़ते हैं। जो मानव और जानवरों को जीवित रखने में सहायक होती है। इसके बिना मानव और जानवरों का जीवन असंभव है।लेकिन यह सब जानते हुए भी मानव जंगलों की अंधाधुंध कटाई करता जा रहा है। तेजी से कम हो रहे जंगलों ने देश के जंगली जीवन पर बहुत बुरा असर पाया है। कई जंगली जीवों की प्रजातियों की गिनती बहुत कम हो गई है। कई प्रजातियां तो आलोप हो चुकी है।यह बहुत ही गंभीर समस्या है। जो कुदरती वातावरण के संतुलन के लिए बहुत बुरा है। यह सिर्फ मानव के द्वारा लगातार पेड़ काटने की वजह से ही हुआ है। मानव के द्वारा कुदरत में बहुत ज्यादा दखलअंदाजी दी जाती है।अगर मानव अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पेड़ काटता है तो उसे उसके बदले और पेड़ लगाने चाहिए। कुदरती वनस्पति मानव के लिए किसी अर्थ व्यवस्था के लिए वरदान साबित होते हैं। वनस्पति रकबा बढ़ाने और कुदरती वनस्पति को बचाने की सख्त ज़रूरत है। अधिक से अधिक पेड़ लगाने की और उनकी देखभाल करने की प्रेरणा दी जानी चाहिए। जंगल की खेती या फिर समाजिक जंगलात उत्पादन को अपनाना चाहिए। नदियों, नहरों, दरियावों सड़कों और रेल मार्गों के पास खाली जमीन पर दरख़्त लगाने चाहिए। अधिक से अधिक पेड़ लगाकर ही हम अपनी लकड़ी की जरूरतों को पूरा कर सकते है और अपने वातावरण को साफ सुथरा और शुद्ध रख सकते हैं।
1

जंगलों की कटाई

26 मई 2023
2
2
2

मानव जीवन में जंगल बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। जंगल मानव के लिए या फिर अर्थ व्यवस्था के लिए वरदान साबित होते हैं। लेकिन दुख की बात यह है कि मोजूदा संसार में मानव द्वारा जंगलों को बहुत तेजी से

2

अमिर्ता देवी बिश्नोई

27 मई 2023
1
0
0

राजस्थान में वनस्पति की बहुत कमी है। और वनस्पति कम होने के कारण राजस्थान के लोग पेड़ो की बहुत कद्र करते और पैडों की पुजा करते है। राजस्थान में रहने वाले लोग  खेजड़ी के पेड़ को ज्यादा पुजते है। क्योंकि

3

उद्योग क्रांति से वनों पर प्रभाव

28 मई 2023
0
0
0

वन हमारे लिए कुदरत के द्वारा दी गई  सबसे उपयोगी स्रोत है।  क्योंकि आदि काल से ही मानव जंगलों को अपने निवास के लिए घर बनाना,  जंगलों से लकड़ी बालने के उपयोग के लिए, जड़ी बूटियों और दवाईयां आदि अपनी सभी

4

पानी प्रदुषण

2 जून 2023
0
0
0

प्रकृति की ओर से हमें बहुत सारी देने दी गई है। जिनके बिना धरती पर जीवन बिल्कुल असंभव है। उन सभी देनों में से सबसे अनमोल देन है पानी। पानी बिना धरती पर जीवन बिल्कुल असंभव है। पानी मानव की सबसे बड़ी और

5

विश्व पर्यावरण दिवस

5 जून 2023
2
1
1

वातावरण दिवस हर साल आज के दिन यानि 5 जून को पूरे विश्व में मनाया जाता है।  हर साल यह दिवस इस लिए मनाया जाता है। ताकि लोगों को वातावरण के प्रति जागरूक किया जा सके। विश्व वातावरण  दिवस मनाने का ऐलान तब

6

वातावरण प्रेमी

6 जून 2023
0
0
0

आज इस अध्याय हम वातावरण प्रेमी के दो महान शख्सियतों के बारे में जानेंगे। डॉ राजेन्द्र सिंह का जन्म 6 अगस्त 1959 ई को हुआ। डॉ राजेन्द्र सिंह ने सन् 1975 में एक गैर सरकारी संगठन बनाया। इस संगठन का तरूण

7

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस

7 जून 2023
2
1
1

20 दिसंबर, 2018 को, संयुक्त राष्ट्र  द्वारा  विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस ( WFSD)( world food safty day )की स्थापना की गई थी।  विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून, 2019 को मनाया गया, जो खाद्य सुरक्षा चुनौतियों

8

नदियों का प्रदुषण

8 जून 2023
1
0
1

 कुदरत ने भारत को बहुत सारी छोटी बड़ी नदियां उपहार के तोर पर बख्शी है। जैसे कि गंगा नदी,  महानदी , सुवर्णरेखा नदी, गोदावरी नदी, कृष्ण नदी, कावेरी नदी, नर्मदा नदी , साबरमती नदी , लूनी नदी और माहीं नदी

9

चिपको आंदोलन

17 जून 2023
1
1
1

बर्ष 1972 ई में पहाड़ी जिलों के जंगलों में से जब पेड़ काटने शुरू हुए। पेड़ों की नजायज कटाई की जा रही थी। गांव वासियों को जंगलों की कटाई से बहुत दुखी हुए। वह पेड़ों से अपनी बहुत सारी जरूरतों को पूर

10

डॉ. कमला सोहनी

18 जून 2023
0
0
0

आज इस अध्याय में हम उस महान शख्सियत के बारे में जानेंगे। जिन्होंने विज्ञान की दुनिया में अपनी अलग ही पहचान बनाई।इनका नाम है डॉ. कमला सोहनी ।    डॉ. कमला सोहनी का जन्म 18 जून 1911 को मध्य प्रदेश के इंद

11

डॉ. कमला सोहनी

18 जून 2023
0
0
0

आज इस अध्याय में हम उस महान शख्सियत के बारे में जानेंगे। जिन्होंने विज्ञान की दुनिया में अपनी अलग ही पहचान बनाई।इनका नाम है डॉ. कमला सोहनी ।    डॉ. कमला सोहनी का जन्म 18 जून 1911 को मध्य प्रदेश के इंद

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए