shabd-logo

अमिर्ता देवी बिश्नोई

27 मई 2023

11 बार देखा गया 11

राजस्थान में वनस्पति की बहुत कमी है। और वनस्पति कम होने के कारण राजस्थान के लोग पेड़ो की बहुत कद्र करते और पैडों की पुजा करते है। राजस्थान में रहने वाले लोग  खेजड़ी के पेड़ को ज्यादा पुजते है। क्योंकि खेजड़ी का पेड़ वनस्पति की कमी कारण उनके यह पेड़ जीवन का आधार बना हुआ  है।  यहां के लोग खेजड़ी के पेड़ से अपनी थोड़ी जरुरतों को पूरा करते है। जैसे कि वह इस पेड़ की पतों का उपयोग अपने पशुओं के चारे के और कुछ ऐसी ही छोटी जरूरतों के लिए उपयोग करते हैं ‌।

खेजड़ी की  पेड़ की रक्षा करना और इसकी पुजा करना  बिश्नोई भाईचारे के धर्म से जुड़ा हुआ है। क्यों कि आज से कई साल पहले राजस्थान के मारवाड़ी इलाके के एक छोटे से गांव में एक औरत द्वारा इस पेड़ को कांटे जाने पर विरोध किया गया था।
जिसका नाम अमिर्ता देवी बिश्नोई था। दरअसल बात यह थी कि जोधपुर के राजा अभ्यै सिंह को अपने नए महल के लिए लकड़ियों  की जरूरत थी। तो राजा ने अपने सैनिकों को खेजड़ी के पेड़ की कटाई के लिए भेजा। जब  सैनिक पेड़ काटने लगे तो अर्मिता उस पेड़ से लिपट गई। और उसकी तीन बेटियां भी पेड़ से लिपट गई। उन्होंने भी अपनी मां का सहयोग दिया। सैनिकों ने उन्हें पेड़ से दूर होने को कहा लेकिन वह पेड़ से लिपटी ही रही। सैनिकों ने उनका सर धर से अलग कर दिया। इसके बाद बिश्नोई भाईचारे ने सैनिकों का विरोध किया। और पेड़ो की सुरक्षा के लिए यह विरोध काफी हिंसकता से भर गया। राजा के सैनिकों ने बिश्नोई भाईचारे के 363 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इस हिंसक विरोध को देखते हुए राजा ने खेजड़ी के पेड़ों को काटने का फैसला वापस ले लिया और इस पेड़ो की कटाई पर रोक लगा दी। और उसके बाद मारवाड़ी इलाके को जानवरों और पेड़ो के लिए सुरक्षित घोषित कर दिया। आज भी बिश्नोई भाईचारा पेड़ और जानवरों की रक्षा करने में सक्षम है। 1787 ई के इस संघर्ष के बाद लोग वातावरण के प्रति जागरूक हो गाए हैं।

11
रचनाएँ
मानव द्वारा प्रक्रिति का विनाश
0.0
मानव जीवन में जंगल बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जंगल मानव की बहुत सी जरुरतों को पूरा करते हैं। जंगल बहुत सी लकड़ियां प्रदान करते हैं। जो हमारे अलग -अलग कामों के लिए उपयोग की जाती है। जैसे कि भोजन पकाने के लिए, फर्नीचर बनाने के लिए , कुर्सी टेबल बनाने के लिए और कागज बनाने के लिए और इसके सिवाय और भी अन्य उद्योगों के लिए उपयोग की जाती है। जंगल बरखा लाने में सहायक होते हैं। जिससे हवा का तापमान ठंडा रहता है। जंगल हमारे वातावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने में मददगार साबित होते हैं।जंगल बहुत बड़ी मात्रा में हवा में मोजूद कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और हवा में आक्सीजन छोड़ते हैं। जो मानव और जानवरों को जीवित रखने में सहायक होती है। इसके बिना मानव और जानवरों का जीवन असंभव है।लेकिन यह सब जानते हुए भी मानव जंगलों की अंधाधुंध कटाई करता जा रहा है। तेजी से कम हो रहे जंगलों ने देश के जंगली जीवन पर बहुत बुरा असर पाया है। कई जंगली जीवों की प्रजातियों की गिनती बहुत कम हो गई है। कई प्रजातियां तो आलोप हो चुकी है।यह बहुत ही गंभीर समस्या है। जो कुदरती वातावरण के संतुलन के लिए बहुत बुरा है। यह सिर्फ मानव के द्वारा लगातार पेड़ काटने की वजह से ही हुआ है। मानव के द्वारा कुदरत में बहुत ज्यादा दखलअंदाजी दी जाती है।अगर मानव अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पेड़ काटता है तो उसे उसके बदले और पेड़ लगाने चाहिए। कुदरती वनस्पति मानव के लिए किसी अर्थ व्यवस्था के लिए वरदान साबित होते हैं। वनस्पति रकबा बढ़ाने और कुदरती वनस्पति को बचाने की सख्त ज़रूरत है। अधिक से अधिक पेड़ लगाने की और उनकी देखभाल करने की प्रेरणा दी जानी चाहिए। जंगल की खेती या फिर समाजिक जंगलात उत्पादन को अपनाना चाहिए। नदियों, नहरों, दरियावों सड़कों और रेल मार्गों के पास खाली जमीन पर दरख़्त लगाने चाहिए। अधिक से अधिक पेड़ लगाकर ही हम अपनी लकड़ी की जरूरतों को पूरा कर सकते है और अपने वातावरण को साफ सुथरा और शुद्ध रख सकते हैं।
1

जंगलों की कटाई

26 मई 2023
2
2
2

मानव जीवन में जंगल बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। जंगल मानव के लिए या फिर अर्थ व्यवस्था के लिए वरदान साबित होते हैं। लेकिन दुख की बात यह है कि मोजूदा संसार में मानव द्वारा जंगलों को बहुत तेजी से

2

अमिर्ता देवी बिश्नोई

27 मई 2023
1
0
0

राजस्थान में वनस्पति की बहुत कमी है। और वनस्पति कम होने के कारण राजस्थान के लोग पेड़ो की बहुत कद्र करते और पैडों की पुजा करते है। राजस्थान में रहने वाले लोग  खेजड़ी के पेड़ को ज्यादा पुजते है। क्योंकि

3

उद्योग क्रांति से वनों पर प्रभाव

28 मई 2023
0
0
0

वन हमारे लिए कुदरत के द्वारा दी गई  सबसे उपयोगी स्रोत है।  क्योंकि आदि काल से ही मानव जंगलों को अपने निवास के लिए घर बनाना,  जंगलों से लकड़ी बालने के उपयोग के लिए, जड़ी बूटियों और दवाईयां आदि अपनी सभी

4

पानी प्रदुषण

2 जून 2023
0
0
0

प्रकृति की ओर से हमें बहुत सारी देने दी गई है। जिनके बिना धरती पर जीवन बिल्कुल असंभव है। उन सभी देनों में से सबसे अनमोल देन है पानी। पानी बिना धरती पर जीवन बिल्कुल असंभव है। पानी मानव की सबसे बड़ी और

5

विश्व पर्यावरण दिवस

5 जून 2023
2
1
1

वातावरण दिवस हर साल आज के दिन यानि 5 जून को पूरे विश्व में मनाया जाता है।  हर साल यह दिवस इस लिए मनाया जाता है। ताकि लोगों को वातावरण के प्रति जागरूक किया जा सके। विश्व वातावरण  दिवस मनाने का ऐलान तब

6

वातावरण प्रेमी

6 जून 2023
0
0
0

आज इस अध्याय हम वातावरण प्रेमी के दो महान शख्सियतों के बारे में जानेंगे। डॉ राजेन्द्र सिंह का जन्म 6 अगस्त 1959 ई को हुआ। डॉ राजेन्द्र सिंह ने सन् 1975 में एक गैर सरकारी संगठन बनाया। इस संगठन का तरूण

7

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस

7 जून 2023
2
1
1

20 दिसंबर, 2018 को, संयुक्त राष्ट्र  द्वारा  विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस ( WFSD)( world food safty day )की स्थापना की गई थी।  विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून, 2019 को मनाया गया, जो खाद्य सुरक्षा चुनौतियों

8

नदियों का प्रदुषण

8 जून 2023
1
0
1

 कुदरत ने भारत को बहुत सारी छोटी बड़ी नदियां उपहार के तोर पर बख्शी है। जैसे कि गंगा नदी,  महानदी , सुवर्णरेखा नदी, गोदावरी नदी, कृष्ण नदी, कावेरी नदी, नर्मदा नदी , साबरमती नदी , लूनी नदी और माहीं नदी

9

चिपको आंदोलन

17 जून 2023
1
1
1

बर्ष 1972 ई में पहाड़ी जिलों के जंगलों में से जब पेड़ काटने शुरू हुए। पेड़ों की नजायज कटाई की जा रही थी। गांव वासियों को जंगलों की कटाई से बहुत दुखी हुए। वह पेड़ों से अपनी बहुत सारी जरूरतों को पूर

10

डॉ. कमला सोहनी

18 जून 2023
0
0
0

आज इस अध्याय में हम उस महान शख्सियत के बारे में जानेंगे। जिन्होंने विज्ञान की दुनिया में अपनी अलग ही पहचान बनाई।इनका नाम है डॉ. कमला सोहनी ।    डॉ. कमला सोहनी का जन्म 18 जून 1911 को मध्य प्रदेश के इंद

11

डॉ. कमला सोहनी

18 जून 2023
0
0
0

आज इस अध्याय में हम उस महान शख्सियत के बारे में जानेंगे। जिन्होंने विज्ञान की दुनिया में अपनी अलग ही पहचान बनाई।इनका नाम है डॉ. कमला सोहनी ।    डॉ. कमला सोहनी का जन्म 18 जून 1911 को मध्य प्रदेश के इंद

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए