राष्ट्रीय एकता ही,
देश की सफलता है।
हर देश और मानव के लिए,
इसकी आवश्यकता है।
आपस में मत उलझो,
न दो किसी को मौका,
सब मिलकर सुलझा लो,
खुद में ही।
अगर लड़ोगे तो,
फिर कैसे देश आगे बढेगा।
एकता में शक्ति है,
ये बात सबने जानी है।
फिर भी करते मनमानी,
अगर आगे बढ़ना है तो,
तो एकता को अपनानी है।
वरना खो दोगे खुद को,
पिछड़ जाओगे सारे जग में,
फिर क्या पहचान रहेगी,
आपस में एक दूसरे को गिरा कर।
सबका साथ होगा,
सबका हाथ होगा,
तभी तो हम जग,
आगे बढ़ पायेंगे।
फिर किसी के न,
रोके रुकेंगे।
हमें अपनी राष्ट्रीय एकता को,
हर हाल में अपनानी है।
सबको ये बात मनानी है,
तभी तो फिर हम,
सुनाएंगे एक नई कहानी है।
ये देश है एकता का,
जहाँ बसती है अनेकता।
इस धरोहर को ना मिटने देंगे,
नफरत के आगे हम अपनी,
एकता को न खोने देंगे।
पढ़ लिखकर भी हम कैसे,
अपनी एकता के फूल मुरझाने दें।
एक ही रंग के खून को,
कैसे नफ़रत का नाम देने दें।
एकता ही वो शक्ति है,
जिसमें हम सब असंभव,
को भी संभव कर सकते हैं।
फिर हम अपनी राष्ट्रीय एकता,
को कैसे खोने देंगे।
ये संकल्प हम सब को खुद ही,
लेना है।
अपने देश को आगे बढ़ने से
नही रुकने देना है।
अपनी राष्ट्रीय एकता को,
हर हाल में,
अपनी देश की तकदीर बनानी है।
राष्ट्रीय एकता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।।