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प्रेमी

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एक कहानी जिसे उर्वी ने खुद अधूरा छोड़ दिया, वो  छोड़ आई उसे बहुत पीछे, जिसके साथ चलना उसकी तकदीर थी। अपने एक फैसले की सजा खुद को देती रही उर्वी लेकिन जब उसका अतीत लौटा तो मंजर कुछ और ही हो

हमसफ़र,  हमराज तुम , हमराही, हमदम मेरे  हमनशीं तुम दिलनशीं हो, तुम ही हमसाया मेरे  ख्वाबों में तुम, सांसों में तुम, आहों में हो तुम मेरे  धड़कन में तुम, तड़पन में तुम, तुम मेहरबां

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आपने कभी कशिश महसूस की किसी चीज की... जिसकी दीवानगी...पागलपन के हद की हो... कोई ऐसा जो सब कुछ भुला दे... किसी की जिंदगी में उसे मिल जाये तो फिर आगे क्या होगा? उसकी सोच समझ और उसके आस पास सब

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 “एक झूठ बोलेगे मेरे लिये”   “झूठ क्‍यों ?”   “मेरे लिये बस एक छोटा सा झूठ”   “पहले बताओ क्‍या झूठ?”   “कहो कि जब मैं सामने हूं तो कोई और दिखाई नहीं देता”  “कभी सोचा नहीं”   “सोचना नहीं है बस झू

बुरा लगता है ना!जब किसी को आपसे सच्चा प्यार होऔर आपकी जिंदगी में उसके लिए,सिर्फ इनकार हो।कोई आपको अपना बनाना चाहता हो।आपके साथ जिंदगी बिताना चाहता हो।आपको मालूम न हो,आप किसी के दिल का करार हो।और आपकी

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 बस एक ही शर्त थी खुश रहने की… मेरे सुकून की… मैंने कहां कुछ ज्‍यादा मांगा, पूरी दुनिया ना मिले ना सही पर वो तो होना चाहिए ना साथ अभी इस वक्‍त यहां होना चाहिए था ना उसे…  रोज हर रोज बस यही

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  “अब बस छोड़ो ये काम,,, चलो किसी अच्‍छे रेस्‍टोरेंट में डिनर करते हैं,,,” आलमा ने अपनी दोस्‍त और बिजनेस पार्टनर जियाना से कहा    “डिनर??,, और ये काम कौन करेगा बस तीन दिन रह गये है टेंडर निकल

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जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया....  उम्र भर दोहराउंगा ऐसी कहानी दे गया....  उसकी याद भी तो एक कहानी की तरह है जो हर बार उसके साथ न होने पर मेरी आंखों के सामने आ जाती है जैसे कल ही की ब

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दिल की आवाज भी सुन, लेकिन...  आज फिर दिल ने एक तमन्ना की, आज फिर दिल को हमने समझाया....   इतना आसान नहीं होता दिल को समझाना.   लेकिन यह ज़रूरी है .हर वक़्त दिल की बात सुनने से परेशानी बढ़ सकती

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 “ये हॉस्‍पिटल की दवाइयां की बदबू मुझे बिलकुल पंसद नहीं और पता नहीं ये संचित भी कहां चला गया,,, नंबर बस आने ही वाला है,,,”   “मिस्‍टर शेखर आप अंदर चले जाइये,,,” नर्स ने 65 साल के शेखर बोस को आवाज

इवा का चेहरा चमक उठा, वो फटाफट उठी और पीछे मुड़कर देखा, फ्रेया और इकेश उसके सामने है, दोनों ने चेहरे खिले हुए नजर आए, इवा फ्रेया के गले लगी और फिर इकेश से भी हाथ मिलाया, वो इतनी खुश अंसल को देखकर भी

अगले कुछ दिन अंसल और इवा के लिये काफी खास बन गये, वो पहले अच्‍छे दोस्‍त बने और फिर अंसल ने इवा को फर्स्‍ट डेट के लिये पूछा, इवा ने हां कहा और पहुंच गई उस जगह जहां इकेश की स्‍टोरी के बहाने वो पहली बार

कुछ देर तक दोनों एक दूसरे को देखते रहे,   फिर अंसल ने बात शुरू की   “अच्‍छा ये बताओ क्‍या खाओगी मैं कुछ ऑर्डर कर देता हूं”, अंसल ने पूछा   “कुछ नहीं, तुम्‍हारी बातें सुनकर मुझे चक्‍कर आ रहे हैं कोई

अगले कुछ दिन इवा ने काफी गंभीर सोच में गुजारे, वो सब कुछ भूल कर बस अपने आप में गुम रही। काम के घंटे पूरे करके सीधा घर के लिये निकल जाती, ना कोई पार्टी, ना कहीं घूमने जाने का मन कर रहा है अब उसका।   अ

इवा ने धीरे से अपनी आंखे खोली, अंसल उसके सामने है, वो कुछ परेशान दिख रहा है, उसके माथे पर चिंता की लकीरें हैं और चेहरा एक दम सीरीयस है। इवा किसी मूर्ति की तरह एक दम स्थिर अंसल को गौर से देखती रही, कु

अगले दिन सुबह ग्‍यारह बजे इवा की फ्लाइट दिल्‍ली पहुंची। एयरपोर्ट से बाहर आते ही उसे साहिल दिखा, इवा उसे देखकर हैरान हो गई    “तुम यहां कैसे?”, इवा ने पूछा   “तुमने तो एक फोन भी नहीं किया मुझे जबसे उ

“नहीं मैंने किसी को नहीं दिया नंबर”, इवा ने जवाब दिया   “तो फिर इतनी जल्‍दी पता कर लिया अंसल ने, वाकई कमाल है, फोन उठा लू?”, फ्रेया ने पूछा   इवा मुस्‍कुराने लगी और हां कहा   फ्रेया ने फोन उठा लिया

“नहीं मुझे कोई बात नहीं करनी, एक छोटी सी बात पर सुबह मुझे डांट दिया था। मुझे कहते है कि मैं बचपना करती हूं लेकिन अब देखो जब से मैंने कहा कि मैं कॉल नहीं उठाउंगी वो करे जा रहा है, ये बचपना नहीं है क्‍

फ्रेया काफी गंभीर नज़र आई, इवा उसके साथ जाकर बैठ गई।   “आपने देख लिया वीडियो?”, इवा ने पूछा   “हां देखा पर मुझे पता नहीं मैं क्‍या कहूं, उस वीडियो में जो इकेश है उसे तो मैं जानती ही नहीं, वो इतना इम

फ्रेया अपनी एकेडमी के डांस ग्रुप को बड़े प्‍यार से सब समझाती नजर आई, सभी के चेहरे पर फेस्टिवल की एक्‍साइटमेंट साफ दिखाई दी। फ्रेया को देखकर इवा को एक अजीब सा सुकून महसूस हुआ, वो वहां से हिली तक नहीं,

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