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भाग(8)💞💞💞💞💞छवि   अपने को  अन्य कामों में व्यस्त रखती थी कभी   मायूस भी हो जाती तो   खुद को  समझा लेती पर  वो  प्यारी सी मुस्कान कन्हि  गुम ह

      छवि का जीवन  अस्त- व्यस्त हो गया था  क्या  दिल टूटने पर इंसान इतना  मानसिक रोगी हो जाता है ?कि उसे और अपने आस -पास के लोगों का तनिक भी ख्याल नहीं रहता।  श

      छवि का जीवन  अस्त- व्यस्त हो गया था  क्या  दिल टूटने पर इंसान इतना  मानसिक रोगी हो जाता है ?कि उसे और अपने आस -पास के लोगों का तनिक भी ख्याल नहीं रहता।  श

     भाग (6)💓💓💔💔   सुबह जब   हुई तो  वही रात  की बेचैनी थी छवि के चेहरे पर   थी  फोन   को    उठाकर देखा  कोई मै

 भाग (3)    छवि की नजर  जैसे ही  खिड़की से नीचे की ओर गई तो हैरान रह गई  उसने  देखा कि कुनाल  कार   के बोनट पर बैठा खिड़की की तरफ ही देख रहा है , ये देख

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एक सुबह आर्यमा अपने काम के लिेये निकलने ही वाली थी कि उसके फोन पर एक मैसेज आया, “मैं आ रहा हूं आज शाम”, आर्यमा मुस्‍कुराने लगी, बादल का मैसेज था। कुछ साल पहले बादल और आर्यमा एक साथ काम कर रहे थ

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एक कहानी जिसे उर्वी ने खुद अधूरा छोड़ दिया, वो  छोड़ आई उसे बहुत पीछे, जिसके साथ चलना उसकी तकदीर थी। अपने एक फैसले की सजा खुद को देती रही उर्वी लेकिन जब उसका अतीत लौटा तो मंजर कुछ और ही हो

हमसफ़र,  हमराज तुम , हमराही, हमदम मेरे  हमनशीं तुम दिलनशीं हो, तुम ही हमसाया मेरे  ख्वाबों में तुम, सांसों में तुम, आहों में हो तुम मेरे  धड़कन में तुम, तड़पन में तुम, तुम मेहरबां

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आपने कभी कशिश महसूस की किसी चीज की... जिसकी दीवानगी...पागलपन के हद की हो... कोई ऐसा जो सब कुछ भुला दे... किसी की जिंदगी में उसे मिल जाये तो फिर आगे क्या होगा? उसकी सोच समझ और उसके आस पास सब

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 “एक झूठ बोलेगे मेरे लिये”   “झूठ क्‍यों ?”   “मेरे लिये बस एक छोटा सा झूठ”   “पहले बताओ क्‍या झूठ?”   “कहो कि जब मैं सामने हूं तो कोई और दिखाई नहीं देता”  “कभी सोचा नहीं”   “सोचना नहीं है बस झू

बुरा लगता है ना!जब किसी को आपसे सच्चा प्यार होऔर आपकी जिंदगी में उसके लिए,सिर्फ इनकार हो।कोई आपको अपना बनाना चाहता हो।आपके साथ जिंदगी बिताना चाहता हो।आपको मालूम न हो,आप किसी के दिल का करार हो।और आपकी

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 बस एक ही शर्त थी खुश रहने की… मेरे सुकून की… मैंने कहां कुछ ज्‍यादा मांगा, पूरी दुनिया ना मिले ना सही पर वो तो होना चाहिए ना साथ अभी इस वक्‍त यहां होना चाहिए था ना उसे…  रोज हर रोज बस यही

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  “अब बस छोड़ो ये काम,,, चलो किसी अच्‍छे रेस्‍टोरेंट में डिनर करते हैं,,,” आलमा ने अपनी दोस्‍त और बिजनेस पार्टनर जियाना से कहा    “डिनर??,, और ये काम कौन करेगा बस तीन दिन रह गये है टेंडर निकल

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जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया....  उम्र भर दोहराउंगा ऐसी कहानी दे गया....  उसकी याद भी तो एक कहानी की तरह है जो हर बार उसके साथ न होने पर मेरी आंखों के सामने आ जाती है जैसे कल ही की ब

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दिल की आवाज भी सुन, लेकिन...  आज फिर दिल ने एक तमन्ना की, आज फिर दिल को हमने समझाया....   इतना आसान नहीं होता दिल को समझाना.   लेकिन यह ज़रूरी है .हर वक़्त दिल की बात सुनने से परेशानी बढ़ सकती

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 “ये हॉस्‍पिटल की दवाइयां की बदबू मुझे बिलकुल पंसद नहीं और पता नहीं ये संचित भी कहां चला गया,,, नंबर बस आने ही वाला है,,,”   “मिस्‍टर शेखर आप अंदर चले जाइये,,,” नर्स ने 65 साल के शेखर बोस को आवाज

इवा का चेहरा चमक उठा, वो फटाफट उठी और पीछे मुड़कर देखा, फ्रेया और इकेश उसके सामने है, दोनों ने चेहरे खिले हुए नजर आए, इवा फ्रेया के गले लगी और फिर इकेश से भी हाथ मिलाया, वो इतनी खुश अंसल को देखकर भी

अगले कुछ दिन अंसल और इवा के लिये काफी खास बन गये, वो पहले अच्‍छे दोस्‍त बने और फिर अंसल ने इवा को फर्स्‍ट डेट के लिये पूछा, इवा ने हां कहा और पहुंच गई उस जगह जहां इकेश की स्‍टोरी के बहाने वो पहली बार

कुछ देर तक दोनों एक दूसरे को देखते रहे,   फिर अंसल ने बात शुरू की   “अच्‍छा ये बताओ क्‍या खाओगी मैं कुछ ऑर्डर कर देता हूं”, अंसल ने पूछा   “कुछ नहीं, तुम्‍हारी बातें सुनकर मुझे चक्‍कर आ रहे हैं कोई

अगले कुछ दिन इवा ने काफी गंभीर सोच में गुजारे, वो सब कुछ भूल कर बस अपने आप में गुम रही। काम के घंटे पूरे करके सीधा घर के लिये निकल जाती, ना कोई पार्टी, ना कहीं घूमने जाने का मन कर रहा है अब उसका।   अ

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