हमसफ़र, हमराज तुम , हमराही, हमदम मेरे
हमनशीं तुम दिलनशीं हो, तुम ही हमसाया मेरे
ख्वाबों में तुम, सांसों में तुम, आहों में हो तुम मेरे
धड़कन में तुम, तड़पन में तुम, तुम मेहरबां हो मेरे
हरिशंकर गोयल "हरि"
18.6.22
17 जून 2022
हमसफ़र, हमराज तुम , हमराही, हमदम मेरे
हमनशीं तुम दिलनशीं हो, तुम ही हमसाया मेरे
ख्वाबों में तुम, सांसों में तुम, आहों में हो तुम मेरे
धड़कन में तुम, तड़पन में तुम, तुम मेहरबां हो मेरे
हरिशंकर गोयल "हरि"
18.6.22
35 फ़ॉलोअर्स
जो मन में आता है , लिखता हूं । साफ कहना, साफ दिल , साफ लिखना मुझे पसंद है । D