बेच दूं क्या ? सारी परेशानियां मौत अच्छा दाम दे रही है |
वो लम्हे कितने हसीं हुआ करते थे जब तुम्हारे हाथ हमें छुआ करते थे तन बदन में बिजली कौंध जाती थीदिले अरमान बेलगाम हुआ करते थे कितना खूबसूरत सा मंजर था वह तेरे मेरे इश्क का समंदर सा थ
परख लिया खुद को जब परखा तुझे, क्यों देखा नहीं पहले जो अब दिखा क्या वो प्यार था? जो लगा मुझे, क्यों खत्म हुआ फिर जब परखा, सजा भूल भी जाए, ना भूल पाएंगे तुझे टूटे तारे की तरह मेरा व
चार साल बीत गए लेकिन आज भी यहां कुछ बदला नही है कॉलेज का वो पहला दिन याद है। वो पहली क्लास थी, उस दिन हम सब की घबराहट को कैसे सिद्धार्थ अग्निहोत्री सर ने एक दम फुर्र कर दिया था। पहले दिन सिर्फ इं
यादों का बवंडर आज दिल में फिर से उठा है रेशमी जुल्फों की महक से "हरि" जी उठा है हाथों में हाथ था, एक तेरा वो दिलकश साथ था आंखों के आगे वो हसीन मंजर जीवंत हो उठा है तेरे लबों पे सजता
आंसुओ का समंदर तो हर कोई देता है "हरि" प्यार का दरिया बन जाओ तो कोई बात बने प्यार कोई इम्तिहान नहीं जिसमें पास फेल हों प्यार के अहसास में डूब जाओ तो कोई बात बने
भाग (16)👩👨❣️💞💓💕💕 अपनी इच्छाओं से परेशान छवि बहुत ही दुखी हो गई ये प्यार- व्यार कुछ नहीं है &nbs
भाग (15)छवि ने वैभव का स्वागत करती हुई बोली" आप आ गए मुझे यकीन नहीं हो रहा,तुम ने इतने दिल से जो बुलाया था कि मैं
भाग (13)💞💞💞💞💞सुबह जब आँख खुली तो देखा दिन बहुत ही चढ़ गया था रात को क्या हुआ ये छवि को याद ही नहीं लेकिन जैसे ही खिड़की की ओ
खुशी की शादी के अब कुछ ही दिन बचे हुए थे, जिस कारण ख़ुशी को बहुत चिंता थी कि बाकी काम कैसे होगा खुशी के घर वाले भी शहर ही आ गए थे क्योंकि लड़का&nb
भाग (11)💞💞💞💞💞 छवि ने पूरी लगन और मेहनत से अपने फाइनल एग्जाम दिए छवि के चेहरे की मुस्कुराहट से पता चलता है कि वो अपने सुखद परिणाम की&nbs
भाग(10)जैकी और छवि दोनों एक साथ कुछ समय बिताने लगे, कॉलेज के बाद छवि अपने कामों में ज्यादा व्यस्त हो जाती वो दिल की
भाग(9)💕🌺💕🌺💕🌺💕 छवि ने बहुत कोशिश करके अपने को संभाल के रखा, छवि को आज भी कुनाल से प्यार है या उसके झूठ ने सभी को इस
भाग(8)💞💞💞💞💞छवि अपने को अन्य कामों में व्यस्त रखती थी कभी मायूस भी हो जाती तो खुद को समझा लेती पर वो प्यारी सी मुस्कान कन्हि गुम ह
छवि का जीवन अस्त- व्यस्त हो गया था क्या दिल टूटने पर इंसान इतना मानसिक रोगी हो जाता है ?कि उसे और अपने आस -पास के लोगों का तनिक भी ख्याल नहीं रहता। श
छवि का जीवन अस्त- व्यस्त हो गया था क्या दिल टूटने पर इंसान इतना मानसिक रोगी हो जाता है ?कि उसे और अपने आस -पास के लोगों का तनिक भी ख्याल नहीं रहता। श
भाग (6)💓💓💔💔 सुबह जब हुई तो वही रात की बेचैनी थी छवि के चेहरे पर थी फोन को उठाकर देखा कोई मै
भाग (3) छवि की नजर जैसे ही खिड़की से नीचे की ओर गई तो हैरान रह गई उसने देखा कि कुनाल कार के बोनट पर बैठा खिड़की की तरफ ही देख रहा है , ये देख
एक सुबह आर्यमा अपने काम के लिेये निकलने ही वाली थी कि उसके फोन पर एक मैसेज आया, “मैं आ रहा हूं आज शाम”, आर्यमा मुस्कुराने लगी, बादल का मैसेज था। कुछ साल पहले बादल और आर्यमा एक साथ काम कर रहे थ