"रोला छंद"
जय जय सीताराम नाम जप लो अनुसारी।
रटती रसना नाम सियापति अवध बिहारी।।
राधे राधे श्याम गीर धरि नख गिरधारी।
भाग कालिया भाग नाग नथ नथें मुरारी।।-१
गौरी पति महादेव आप शिव गौरीशंकर।
देवों के प्रभु देव आप है महा निरंकर।।
लक्ष्मीपति हरिनाथ है क्षीरसिंधु निवासा
चँवर डुलाएँ मातु सुशोभित है रनिवासा।।-२
महातम मिश्र गौतम गोरखपुरी