“दादरा गीत”
जा रे बदरिया, सौतन घर जा जा रे
सौतन घर जा रे, सौतन घर जा जा रे, जा रे बदरिया...........
नाहक बरस गई मोर अंगनइयाँ
अगन लगी है सौतन घरे सइयाँ
जा रे तू वहिका डूबा रे, बैरन घर जा जा रे, जा रे बदरिया...........
जा रे बिजुरिया सौतन घर जा जा रे
काहें चमक रही मोर दुवरइयाँ
लपटि झूलसाए डोर किवड़िया
जा रे तू वहिजा जला रे, औरन घर जा जा रे, जा रे बदरिया...........
जा रे पपिनिया सौतन बन जा जा रे
काहें छमक रही मोर समुरईया
गहना लुटाए लाज नाहीं चिरईया
जा रे तू धरम गँवा रे, नोतर घर जा जा रे, जा रे बदरिया...........