2 जनवरी 2022
सच नवागत के बहाने जाने कितनों को साध लिया करते थे लोग लेकिन सब धरा रह गया, सब ठन्डे बस्ते में बंद हो गया। वही लोग वही उनके धरम करम फिर भी वैसा स्वागत न होने का मलाल तो है। .... बहुत खूब रचा आपने कम शब्दों में गहरी बात ...................
2 जनवरी 2022