तुझसे हूं जुड़ा, मैं जुड़ा,
तेरे ही लिए मैं बना,
फिर तुझसे क्यों रहूं मैं खफा, तू ही बता।
तेरे ही संग मैं चला,
तेरे ही रंग में रंगा,
फिर तुझसे क्यों रहूं मैं खफा, तू ही बता।
तेरी सांसों से मैं जुड़ा,
तेरे दिल की धड़कन में मैं बसा,
फिर तुझसे क्यों रहूं मैं खफा, तू ही बता।
तेरी आंखों का मैं पैमाना,
तेरी बातों का मैं दीवाना,
फिर तुझसे क्यों रहूं मैं खफा, तू ही बता।
कहती हैं ये फिज़ा,
प्यार भरा हमारा रिश्ता,
फिर तुझसे क्यों रहूं मैं खफा, तू ही बता।