पार्ट-9
पिछले भाग में आपने पड़ा गणेश के अंतिम संस्कार के बाद अशोक घर न जाकर गणेश के घर पर कुछ तलाश करता है फि
अब तक आपने पढ़ा . . . . . . . !! "
लेखक की ओर से आभार-आप सभी पाठकों का साथ बहुत ही मजेदार और प्रेरणादायक रहा जिससे मुझे इतने व्यस्त जीवन में भी इस कहानी को पूरा करने की प्रेरणा मिलती रही। मैं रात को फ्री होकर लिखती थी और मेरे की
"चलो रूम में चलकर बात करते हैं।" राज ने उसके हाथ से फोन ले लिया।जब अनुभा नहीं उठी, तो उसने जबरदस्ती उसके दोनों हाथ पकड़कर उठाना चाहा। पर अनुभा उसकी इस बचकानी हरकत में शामिल नहीं हुई और खुद उठकर रूम में
अनुभा के आंसू दुबारा बहने लगे। राज ने उसके कंधे पर हाथ रख कर उसे सांत्वना दी और हाथ के अंगूठे और इंडेक्स फिंगर से स्माइल करने का साइन बनाकर अनुभा को हंसाने की कोशिश करने लगा। पर विदाई की इन मिश्रित भा
समय की कमी की वजह से शादी में चुनिंदा मेहमानों को ही आमंत्रित किया गया है। कुछ राज और अनुभा के आफिस के कॉलीग और सीनियर हैं, परिवार के लोग हैं और बस कुछ नजदीकी रिश्तेदार। लेकसिटी के होटल आनंद पैलेस में
उद्यान के बीचोबीच पीले-सफेद परदों से एक मण्डप बनाया गया है। मंडप में प्रवेश करते ही दाहिने ओर गणेश भगवान की प्रतिमा आशीर्वाद की मुद्रा में एक टेबल पर रखी हैं। टेबल पर एक पूजा की थाली भी है जिसमे डूब घ
'वेडमेड प्लानर्स' के आफिस के सामने राज और अनुभा की गाड़ी आकर आगे-पीछे रुकी। उनके सीनियर एग्जिक्यूटिव मिस्टर गौरव भाटिया ने आकर राज और अनुभा को वेलकम किया और अपने आफिस में ले गया। केबिन क्या था ऐस
अनुभा और राज, एयर इंडिया की फ्लाइट से उतरकर जब इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के T3 टर्मिनल से बाहर आये तो उन्होंने देखा कि उन दोनों की पूरी0 फैमिली चेहरे पर मुस्कान लिए सम्मिलित रूप से बाहर खड़
अनुभा के चेहरे की खुशी देखते ही बनती है। कोई तुम्हारे लिए कुछ स्पेशल करता है तो उससे आने वाली फीलिंग चेहरे पर एक अलग ही चमक ला देती है। अनुभा ने नेम प्लेट को बैकग्राउंड में रखकर अपनी और राज की एक सेल्
राज उठकर अनुभा के साथ आकर सोफे पर बैठ गया और अपनी पॉकेट से एक चेन निकाल कर अनुभा को पहनाने लगा। चूंकि चेन का साइज छोटा था तो राज को उसका हुक बंद करने उठना पड़ा। लेकिन इस क्रम में चेन राज की शर्ट की बटन
अनुभा की व्यस्तता अब थोड़ी कम हो चली थी पर इंटरनेशनल सेमिनार की वजह से राज बहुत ही व्यस्त था। कई बार अनुभा चाहती कि शाम को दोनों मिलें, बातें करें पर ऐसा बहुत कम हो पाता। राज आ भी जाता तो अधिकतर फोन
"साब ! T3 जाना है कि T2 पर? .... अगर गलत टर्मिनल पर पहुंच गए तो तो पूरा आधा घंटा लेट हो जाओगे। कल एक पैसेंजर को T3 पर उतारा था। नीचे उतरते ही पता चला कि उनकी फ्लाइट तो T2 पर है, कितनी मुश्किल हुई।" "स
"मतलब! किसकी शादी हो रही है?" मम्मी और पापाजी ने एक साथ पूछा। "ऐसे ही......जानना चाहता था। .......कल मेरी फ्लाइट है, ..........हो सकता है अगले 6 महीने छुटी न मिले।" "तो? कितनी बार बताएगा कि छुट्टी न