मुसलमानों से कहा गया है कि ईद की नमाज़ के बाद गले मिलने के बजाए सिर्फ़ सलाम कर के मुबारकबाद दें।
पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर और माशूर सुन्नी मौलाना खालिद रशीद फिरंगिमहली ने फरमान जारी कर कहा है कि इस बार बकरीद की नमाज़ अता करने के बाद एक दूसरे से गले ना मिलें नमाज़ी। मौलाना खालिद रशीद फिरंगिमहली ने अपील जारी की है कि बकरीद की नमाज़ के बाद गले न मिलें बल्कि सलामकर के मुबारकबाद दें क्योंकि गले मिलने से स्वाइन फ्लू का ख़तरा है। वहीं शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा है कि गले मिलते वक़्त मास्क लगाएं। दरअसल उत्तर प्रदेश के 75 ज़िलों में से 66 में स्वाइन फ्लू के मरीज़ मिले हैं।
पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर और माशूर सुन्नी मौलाना खालिद रशीद फिरंगिमहली ने NDTV से कहा, “उत्तर प्रदेश की 20 फीसद आबादी मुस्लिम है। इनमें से ज़्यादातर लोग ईद में नमाज़ पढ़ते हैं और एक दूसरे के गले मिलते हैं। चूंकि हाथ मिलाने या गले लगने से स्वाइन फ्लू के इन्फेक्शन का ख़तरा है, इसलिए ईद की नमाज़ के बाद गले मिलने के बजाए सिर्फ़ सलाम कर के मुबारकबाद दें। खुदा भी अपने बंदों की हिफ़ाज़त चाहता है। अगर कोई त्योहार स्वाइन फ्लू फैलने की वजह बन जाए तो यह शर्म की बात होगी।”
आपको बता दें कि शनिवार को बकरीद का त्यौहार। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं और नमाज पढ़ते हैं। फिलहाल ये देखने वाली बात होती है कि गले ना मिलने की इस अपील को किस तरह से लागू करवाया जाएगा।