सोशल मीडिया की तोप से एक नया गोला दागा गया है. फेसबुक और ट्विटर पर एक लाश का वीडियो जमकर शेयर किया जा रहा है. चाकुओं से 25 बार गोदी गई ये लाश जुनैद की बताई जा रही है. वो जुनैद, जिसकी ईद से तीन दिन पहले बल्लभगढ़ में हत्या कर दी गई थी. वो ईद की खरीदारी करने दिल्ली आया था. वापसी में ट्रेन में हुए झगड़े में एक झुंड ने जुनैद को पीटकर और चाकुओं से गोदकर मार डाला. ये कत्ल सीट के झगड़े में हुआ या बीफ के शक में, इस पर पब्लिक ट्रायल में अपने-अपने हिस्से का राजधर्म निभाया गया. हम दर्शकों ने देखा कि दो भीड़ की दोस्ती दो स्मैकियों की दोस्ती से भी गहरी होती है.
वीडियो में जानिए, इस वीडियो की सच्चाई:
जो लिंक सबसे ज्यादा देखा और शेयर किया गया, वो 4 जुलाई का है. तीन दिनों के अंदर इसे 10 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा और 33 हजार से ज्यादा लोगों ने शेयर किया.
ये सिर्फ एक पोस्ट का हाल है. सोशल मीडिया पर इसके जैसे सैकड़ों पोस्ट थे. लोग ये वीडियो दूसरों को दिखाने के लिए बहुत मेहनत कर रहे थे. ये देखिए-
फेसबुक पर और भी ढेर सारे लिंक हैं और ये किस मकसद से शेयर किए जा रहे हैं, उसकी अलग से व्याख्या करने की जरूरत नहीं है.
अगर आपने ये वीडियो अब तक नहीं देखा है, तो अच्छी बात है. हम भी नहीं दिखाएंगे. ऊपर फोटो में लाश का जितना हिस्सा दिख रहा है, वो अंदाजा लगाने के लिए काफी है. उस लड़के के शरीर पर चाकू के 25 से ज्यादा वार हैं. कमर से पीठ तक छेद ही छेद. ठुड्डी से गुर्दे तक एक सीध में सिलाई का निशान है, जो पोस्टमॉर्टम के बाद की गई है. आसपास खड़े लोग लाश पर पानी डाल रहे हैं. उसकी बाहें खींचकर पीठ के निशान देखे जा रहे हैं. आप कमजोर दिल के हों या मजबूत दिल के, ये वीडियो न देखें.
लोगों को ये लाश जुनैद की क्यों लग रही है
क्योंकि वीडियो में लाश के आसपास खड़े लोग जो बातें कर रहे हैं, उससे ये वीडियो जुनैद के होने का भ्रम होता है. ऐसे दो वीडियो इंटरनेट पर हैं. एक डेढ़ मिनट का और दूसरा 30 सेकेंड का. एक वीडियो में लाश के पास खड़ा शख्स कहता है,
#. ‘या अल्लाह… अरे भाई इसकी तो गिनती ही नहीं है. हिसाब-किताब क्या लगाएं.’ (ये चाकू के 25 से ज्यादा निशान की बात हो रही है.)
#. ‘बताओ ईद से तीन दिन पहले इस बच्चे ने मेरे साथ खाना खाया था.’ (जुनैद की हत्या ईद से तीन दिन पहले ही हुई थी.)
#. ‘ये सब गुदा हुआ है… सालों ने बहुत बुरी तरीके से मारा है.’ (ये चाकुओं के निशान की बात हो रही है.)
लेकिन इसे देखने और शेयर करने वालों ने गलत समझा. ये जुनैद की लाश नहीं है सर.
किसी और के नहीं, जुनैद के दोस्त की सुनिए
डेडबॉडी का वीडियो देखने के बाद 4 जुलाई को ही शकील नाम के एक यूजर ने अपने फेसबुक लाइव में बताया कि ये वीडियो जुनैद का नहीं है और इसे आगे शेयर न करें. जब हमने शकील से बात की, तो उन्होंने बताया कि जुनैद उनका दोस्त था. शकील फरीदाबाद में रहते हैं, लेकिन मूलत: जुनैद के गांव खंदावली के ही रहने वाले हैं. खंदावली में दोनों अक्सर मिलते थे. ईद से पहले जब जुनैद दिल्ली आया था, तब भी शकील उससे मिले थे. उसकी हत्या के बाद जब रेलवे अधिकारी उसकी लाश हॉस्पिटल ले गए, तब शकील भी हॉस्पिटल पहुंचे थे.
शकील को वो वीडियो पूरा देखने की जरूरत भी नहीं पड़ी. जुनैद उनका दोस्त था. उन्होंने हमें जुनैद की कुछ तस्वीरें भी दीं. उन्हें देखकर साफ है कि वीडियो में दिख रहा लड़का जुनैद नहीं है. शकील ने हमें कुछ बारीकियां भी बताईं कि शकील के धड़ पर चाकू के इतने वार नहीं थे और उसकी नस काटी गई थी. उन्होंने ये भी बताया कि सरकारी अस्पताल के पास लाश रखने के लिए बर्फ तक नहीं थी. डॉक्टरों ने वो भी जुनैद के जानने वालों से मंगाई.
हैरानी की बात ये कि जो वीडियो जुनैद का नहीं है, उस पर दो हजार से ज्यादा लोगों ने कमेंट किए, लेकिन इसे फर्जी सिर्फ तीन लोगों ने बताया. कमेंट करने वाले कुछ लोग जुनैद को जन्नत मिलने की दुआ कर रहे थे, कुछ बेहिसाब गालियां लिख रहे थे. पर इन दो हजार में सच जानने और बोलने वाले थे सिर्फ तीन. ये 2017 का स्किल्ड और डिजिटल हो रहा भारत है.
जुनैद का नहीं, तो किसका है ये वीडियो
फेसबुक पर ही कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि ये वीडियो उस लड़के का है, जिसकी 30 जून को दिल्ली के भजनपुरा में चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई. मीडिया में इस मामले की खबर 1 जुलाई को आई. बताया गया कि भजनपुरा के सुभाष नगर मोहल्ले में रहने वाले 38 साल के एक शख्स को शक था कि उसकी पत्नी का पड़ोस में रहने वाले 23 साल के शानू के साथ अफेयर है. इसी शक में उसने अपनी पत्नी को गांव भेज दिया और 30 जून को शानू को घर बुलाकर मार डाला. इस हत्या में उसने अपने नाबालिग भतीजे की भी मदद ली. घर से चीखें सुनाई देने पर पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया, जिसके बाद घर के अंदर से कंबल में लिपटी लाश मिली.
जिन तीन लोगों ने वो वीडियो जुनैद का न होने का दावा किया, उन सबने अपने कमेंट्स में भजनपुरा की घटना का जिक्र किया. एक यूजर ने NDTV की एक खबर का लिंक दिया. एक ने अफवाह फैलाने वालों पर केस करने की धमकी दी और एक ने कहा कि ये घटना दिल्ली के सुभाष मोहल्ले की है और ईद के बाद की है.
भजनपुरा मर्डर केस के बारे में और ढूंढ़ते-ढूंढ़ते हमारी दिल्ली के एक वकील से बात हुई. उन्होंने बताया कि उन्हें शानू के केस की पूरी जानकारी है और दावा किया कि पोस्टमॉर्टम के बाद का वो वीडियो शानू का है. हमें जानकारी देने वाले ये सज्जन खुद डरे हुए थे. वो नहीं चाहते थे कि कहीं उनका नाम लिया जाए. फोन कटने के बाद उन्होंने मेसेज करके पूछा भी कि उनकी बातचीत रिकॉर्ड तो नहीं की गई है. जुनैद के दोस्त शकील अपने लाइव वीडियो में समझाइश दे रहे थे,
‘जो ओरिजनल है, उसे शेयर करो. हक है. लेकिन ये गलत इन्फॉर्मेशन शेयर करना सही नहीं है. मैंने देखा वो बहुत खतरनाक वीडियो है. आदमी पता नहीं किस तरह का दिमाग लेकर बैठ जाए इस तरह खतरनाक मंजर देखकर. मैं जुनैद की रियल फोटो भी दे दूंगा. उसमें उसका फेस देख लें.’
जुनैद की हत्या के बाद ये तस्वीर खूब शेयर की गई. ये जुनैद की ही है. इसे देखकर सोचिए कि कैसे 50 लोगों की भीड़ इस 16 साल के लड़के पर टूट पड़ी होगी. जब चारों तरफ से लात-घूंसे और चाकू बरस रहे थे, तब उसका क्या हाल हुआ होगा. क्या वो कुछ बोल भी पाया होगा. उस समय उससे सीट क्या, जहां मांग लेते, तो वो दे देता. भागने की कोशिश नहीं की होगी! वो 15-20 मिनट… जब उसे अहसास हुआ होगा कि आज वो इस तरह मरने वाला है.
और हम उसे बार-बार कुरेद रहे हैं. प्रधान-सेवक जी, मिसाइलों से पहले हमें सोशल मीडिया के आयरन डोम की जरूरत है.
साभार : The Lallantop